dhanbad new: विस्थापितों के पुनर्वास पर 30 को हो सकता है फैसला

सेल टासरा प्रोजेक्ट से विस्थापित होने वाले लोगों के लिए तैयार पुनर्वास नीति की मंजूरी के लिए शुक्रवार को प्रस्तावित बैठक अंतिम समय में टल गयी.

By Prabhat Khabar News Desk | September 28, 2024 2:02 AM
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धनबाद.

सेल टासरा प्रोजेक्ट से विस्थापित होने वाले लोगों के लिए तैयार पुनर्वास नीति की मंजूरी के लिए शुक्रवार को प्रस्तावित बैठक अंतिम समय में टल गयी. अब यह बैठक 30 सितंबर को होगी. सोमवार को होने वाली बैठक में पुनर्वास नीति को मंजूरी मिल सकती है. अधिकृत सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि टासरा प्रोजेक्ट को लेकर प्रस्तावित बैठक सांसद के उपलब्ध नहीं रहने के कारण टाल दी गयी. अब 30 सितंबर को बैठक होगी. समाहरणालय सभागार में डीसी की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में धनबाद के सांसद, क्षेत्र के जन प्रतिनिधि तथा सेल के अधिकारी मौजूद रहेंगे. बैठक में विभिन्न स्तरों पर बैठक व जन सुनवाई के दौरान आये सुझावों पर तैयार प्रस्ताव को रखा जायेगा. अगर सर्वानुमति बन गयी, तो उसे मंजूरी दी जायेगी. इसके बाद संचिका को उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल की आयुक्त के पास भेजी जायेगी. वहां से स्वीकृति के बाद आगे की कार्यवाही होगी.

आचार संहिता लागू होने से पहले मंजूरी दिलाने की तैयारी :

झारखंड में नवंबर में विधानसभा चुनाव होने की संभावना है. इसलिए जिला प्रशासन एवं सेल प्रबंधन की कोशिश है कि तैयार पुनर्वास योजना को आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू होने से पहले मंजूरी मिल जाये. एक बार जिला स्तर पर मंजूरी मिल जाती है, तो बाकी का काम चुनाव आचार संहिता के दौर में हो सकता है. अगर मंजूरी नहीं मिलती है, तो फिर यह काम कम से कम दो माह के लिए टल जायेगा.

विस्थापितों को मिलेंगे तीन विकल्प :

टासरा प्रोजेक्ट से कुल 2369 परिवार प्रभावित हो रहे हैं. इसमें 1645 रैयत हैं. जबकि 724 एनटीएच (नन टाइटिल होल्डर) हैं. विस्थापितों को तीन विकल्प दिया जा रहा है. इसमें रैयतों को एकमुश्त राशि देने की योजना है. इसमें रैयत चाहें तो पूरी राशि लेकर घर खाली कर सकते हैं. दूसरे में आर एंड आर कॉलोनी में एक घर ले सकते हैं. तीसरा में पुनर्वास कॉलोनी में एक प्लॉट एवं सात लाख रुपये नकद का प्रावधान है. साथ ही विस्थापितों को पांच लाख रुपया एकमुश्त या जब तक प्रोजेक्ट चलेगा तब तक चार हजार रुपये प्रति माह मिलेगा. साथ ही प्रति परिवार 50 हजार रुपये परिवहन भत्ता के रूप में मिलेगा. छोटा-मोटा कारोबार के लिए 25 हजार रुपया प्रति परिवार देने का भी प्रावधान है.

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