बीमा क्षेत्र में 100 प्रतिशत एफडीआइ (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) के विरोध में मंगलवार को बीमा कर्मचारी संघ ने बरटांड़ स्थित कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया. इसके अलावा जिले के शाखा 1,2,3,4 व गोविंदपुर एसएस सेल में प्रदर्शन किया गया. वक्ताओं ने कहा कि कि वित्त मंत्री द्वारा बजट पेश करने के दौरान बीमा क्षेत्र में एफडीआइ की सीमा को 74 से बढ़ाकर 100 प्रतिशत करने की घोषणा की है. यह निर्णय अनुचित है और भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास के लिए बहुमूल्य संसाधनों को जुटाने तथा नागरिकों के प्रति राज्य के दायित्व को पूरा करने के लिए इसके गंभीर परिणाम होंगे.
जनमत जुटायेगा अखिल भारतीय बीमा कर्मचारी संघ :
अखिल भारतीय बीमा कर्मचारी संघ इस कदम के खिलाफ जनमत तैयार करेगा. आइआरडीए विधेयक 1999 के पारित होने के साथ ही बीमा क्षेत्र का राष्ट्रीयकरण समाप्त हो गया था. इस अधिनियम ने भारतीय पूंजी को विदेशी कंपनियों के साथ साझेदारी में बीमा उद्योग में काम करने की अनुमति दी थी. एफडीआई 26 प्रतिशत तक सीमित थी. तब से इसे बढ़ाकर 74 प्रतिशत कर दिया गया. अब 100 प्रतिशत तक करने की घोषणा की गयी है. सरकार से मांग करते हैं कि देश हित में इस प्रस्ताव को अविलंब वापस ले. आज के प्रदर्शन को सफल बनाने में सभी शाखा के शामिल हुए.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है