धनबाद.
मानस प्रचार समिति की ओर से मानस मंदिर, जगजीवन नगर में आयोजित नौ दिवसीय 52वें रामचरित मानस अधिवेशन के दूसरे दिन रविवार को रामजन्म का पाठ में जन्म का सोहर विंध्याचल से आये देवी प्रसाद पांडे ने गाया. संध्या में रामकथा में काशी से आये विद्वान मानस किंकर निरजानंद शास्त्री ने प्रवचन किया. उन्होंने कहा शिव जी की भक्ति करने से सुख संपत्ति समृद्धि और कई प्रकार कि शक्ति का उद्गम होता है. शिव के हृदय में राम और राम के हृदय में शिव विराजमान होते है. शिव जी की भक्ति करने से ही रामजी की भक्ति मिलेगी. शिव विश्वास है, पार्वती श्रद्धा हैं, शिव रूपी विश्वास और पार्वती रूपी श्रद्धा का सम्मिलन हुआ. अर्थात शिवपार्वती जी का दिव्य रूप में विवाह हुआ और पुरुषार्थ रूपी कार्तिकेय जी का प्राकट्य हुआ व तारकासुर का वध हुआ. मुख्य अतिथि बीसीसीएल के चीफ मैनेजर पीके मिश्र, रिटायर्ड बीसीओ विनोद कुमार थे. समिति के समरेंद्र सिंह, राजेश सिंह, कन्हाई भट्टाचार्य, शमशेर सिंह राठौर, सुशील सिंह, प्रदीप चौधरी, मुक्तेश्वर महतो के अलावा कोयलांचल के भक्तों ने परायण व कथा में पहुंचे.