DHANBAD NEWS : श्रमिकों की समस्याओं को लेकर बीसीसीएल मुख्यालय पर धकोकस का धरना-प्रदर्शन

बोले विधायक राज सिन्हा- ठेकेदारों के हाथों कठपुतली बन गया है कोल इंडिया प्रबंधन

By Prabhat Khabar News Desk | October 1, 2024 2:00 AM

धनबाद कोलियरी कर्मचारी संघ के बैनर तले सोमवार को बीसीसीएल मुख्यालय कोयला भवन के समक्ष धरना-प्रदर्शन किया गया. अध्यक्षता संघ के अध्यक्ष मुरारी तांती व संचालन महामंत्री उमेश कुमार सिंह ने किया. धरना में मुख्य अतिथि धनबाद विधायक राज सिन्हा ने कहा कि प्रबंधन सरकार व मजदूरों के बीच की कड़ी है, जो मजदूर हित में केंद्र की वेलफेयर नीतियों को लागू करे. लेकिन कोल इंडिया व बीसीसीएल प्रबंधन अपनी जिम्मेदारी ठीक से नहीं निभा रहा है. कोल इंडिया प्रबंधन ठेकेदारों के हाथों कठपुतली बन चुका है. यही कारण है कि आज प्रबंधन मजदूर हित में कम व ठेकेदार हित में ज्यादा काम कर रहा है. कोल इंडिया व बीसीसीएल प्रबंधन कोल कर्मियों की ज्वलंत समस्याओं का त्वरित निष्पादन करें, अन्यथा आंदोलन को बाध्य होंगे. इससे पूर्व संघ के प्रतिनिधिमंडल ने बीसीसीएल के विभागाध्यक्ष (प्रशासन) सुरेंद्र भूषण को सीएमडी, कोयला सचिव, महानिदेशक डीजीएमएस व आयुक्त सीएमपीएफ के नाम 24 सूत्री ज्ञापन सौंपा. मौके पर अयोध्या मिश्रा, प्रेमशंकर मंडल, माधव सिंह, रामधारी उपाध्यक्ष, सुशील कुमार सिह, ओम कुमार सिंह, रमेश कुमार चौबे, सुनील उरांव, धर्मजीत चौधरी, सीवी प्रसाद, मुबारक हुसैन, प्रभात रंजन, शोभा पांडे, मोहन लाल महतो, मंतोष तिवारी, भौमिक महतो, अरिंजय श्रीवास्तव, एसके मिश्रा, नवनीत कुमार सिंह, रामनाथ गोप, लोकेश सिंह, राजलाल यादव, लालमोहन दास, दिलीप कुमार चंद्रबंसी, प्रशांत नियोगी, राघवेंद्र नारायण पांडे, सीएस राय, केके सिंह, शिवशंकर पांडे, जयश्री बारा, उषा झा, सलखा पाल, ज्ञान राठौड़ व गंगा सागर आदि थे.

कोल मजदूरों के हक में जारी रहेगा आंदोलन : उमेश

संघ के महामंत्री उमेश कुमार सिंह ने कहा कि आंदोलन उद्योग एवं श्रमिक समस्याओं को लेकर है. वर्तमान सरकार देश के कोयला मजदूरों के अस्तित्व को समाप्त कर देना चाह रही है. अध्यक्ष मुरारी तांती ने कहा कि सन 1973 के पहले बीसीसीएल के श्रमिकों की जो स्थिति थी, वही स्थिति केंद्र सरकार व कोल इंडिया प्रबंधन लाने का प्रयास कर रहा है. यदि केंद्र सरकार व कोल इंडिया श्रमिक विरोधी नीतियों को वापस नहीं लेती है तो भारतीय मजदूर संघ सीधी कार्रवाई के लिए बाध्य होगा.

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