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धनबाद मेडिकल कॉलेज पर और भौंरा कोलियरी को देना होगा करोड़ों रुपये का जुर्माना, जानें पूरा मामला

झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने धनबाद के मेडिकल कॉलेज और भौंरा कोलियरी पर करोड़ों रुपये का जुर्माना लगाया है. बोर्ड का कहना है कि इन्होंने पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया है

धनबाद : पर्यावरण मानकों को ताक पर रखने और नियमों की अनदेखी करने वाली इकाइयों के मामले में झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा की गयी कार्रवाई को पर्षद मंडल की बैठक ने सही ठहराया है. बोर्ड अध्यक्ष अजय रस्तोगी की अध्यक्षता में सोमवार को रांची के डोरंडा स्थित वन भवन परिसर में आयोजित बैठक में प्रस्ताव पर सहमति व्यक्त की गयी.

ऐसी इकाइयों पर कड़ी कार्रवाई करने को कहा गया. बैठक में धनबाद के शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (एसएनएमएमसीएच), बीसीसीएल व सीसीएल की कई कोलियरियों, रांची के रिम्स सहित कई अस्पतालों एवं इकाइयों को पूर्व में दिये गये नोटिस को मंजूरी दी गयी. इनको दो बार और नोटिस दिया जायेगा. जवाब से संतुष्ट नहीं होने पर संस्थानों को बंद करने का नोटिस दिया जायेगा.

पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति के तहत एसएनएमएमसीएच पर 3.92 करोड़, बीसीसीएल की भौंरा कोलियरी पर सबसे अधिक 4.62 करोड़, गोविंदपुर सीएचसी पर 78.55 लाख और रिम्स पर 4.41 करोड़ का जुर्माना लगाया गया. बोर्ड के सदस्य सचिव वाइके दास के अनुसार, राज्य में कुल 258 यूनिट को नोटिस दिया गया था. सभी का प्रस्ताव बोर्ड की बैठक में आया था.

बोकारो थर्मल प्लांट ने किया 2.89 करोड़ का भुगतान :

258 इकाइयों ने इटीपी (एस्टेब्लिशमेंट ऑफ प्लांट), एसटीसी (सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट) और बायोवेस्ट मेडिकल निष्पादन के मामले का उल्लंघन किया है. इसके अतिरिक्त बोर्ड ने रेहला के बालमुकुंद स्टील, केजी स्टील, अनंदिता स्टील, नरसिंग आयरन एंड स्टील को भी नोटिस भेजा है. सीसीएल और बीसीसीएल की खदानों को भी नोटिस भेजा गया है.

बोकारो थर्मल प्लांट को नोटिस किया गया था. उसने 2.89 करोड़ रुपये का भुगतान बोर्ड को कर दिया है. पर्षद मंडल की 45वीं बैठक में तय किया गया कि अब उद्योगों को दूसरे कंसेंट टू ऑपरेट (सीटीओ) के लिए कार्यालय आने की जरूरत नहीं होगी. उद्योग ऑटो रिनुअल के लिए ऑनलाइन तय शर्तों और फीस के साथ आवेदन कर सकेंगे. अहर्ता सही पाये जाने पर बोर्ड संचालन की अनुमति दे देगा.

कंपनी या अस्पतालों को पूर्व में दिये नोटिस को सही ठहराया

गोविंदपुर सीएचसी पर 78.55 लाख जुर्माना

राज्य में कुल 258 यूनिट को दिया गया था नोटिस

कोविड केयर सेंटर अवधि का माफ होगा शुल्क

तय किया गया कि एक मार्च 2022 से ऑनलाइन कंप्लाइंस मैनेजमेंट मॉड्यूल को आवश्यक किया जायेगा. एक अप्रैल 2022 से स्टार रेटिंग कार्यक्रम को 17 इकाइयों के लिए लागू किया जायेगा. बैठक में अध्यक्ष राज्य प्रदूषण बोर्ड के अध्यक्ष अजय रस्तोगी, वन विभाग की विशेष सचिव शैलजा सिंह, स्वास्थ्य सेवा प्रमुख डॉ यूसी सिन्हा, सूडा के उप निदेशक आशीष कुमार, संयुक्त श्रमायुक्त अल्पना सिंह, पाकुड़ नगर परिषद की कार्यकारी पदाधिकारी कौशलेष कुमार यादव, पर्यटन निगम के जीएम आलोक प्रसाद, हजारीबाग जिला परिषद अध्यक्ष सुशीला देवी व सदस्य सचिव वाइके दास मौजूद थे.

बैठक में तय किया गया कि जिला प्रशासन या राज्य सरकार के आदेश से जिस होटल को कोविड केयर सेंटर के रूप में प्रयोग किया गया है, उस अवधि का शुल्क यदि इकाइयों द्वारा उपयुक्त दस्तावेजों के साथ दावा किया जायेगा, तो उसे माफ कर दिया जायेगा. 2019 से पूर्व जिन इकाइयों पर पर्यावरण क्षतिपूर्ति लगायी गयी है, उनके द्वारा राशि जमा नहीं करने पर बंदी आदेश जारी करने का निर्णय हुआ.

जिन कंपनियों के नोटिस को मिली बोर्ड की मंजूरी

कंपनी या इकाई राशि

एसएनएमएमसीएच धनबाद 3.92 करोड़

गोविंदपुर सीएचसी 78.55 लाख

बीसीसीएल की भौंरा कोलियरी 4.62 करोड़

सीसीएल का पिछरी ओपन कास्ट 01 करोड़

रिम्स 4.41 करोड़

मांडर रेफरल अस्पताल 29.45 लाख

पारस अस्पताल, एचइसी 49.09 लाख

ओम नर्सिंग होम 29.45 लाख

लक्ष्मी नर्सिंग होम 29.45 लाख

इस्पात अस्पताल 49.9 लाख

केसी राय मेमोरियल अस्पताल 49.37 लाख

नामकुम सीएचसी 53.21 लाख

चान्हो सीएचसी 47.13 लाख

Posted By : Sameer Oraon

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