सिविल सर्जन ने किया डायरिया प्रभावित खेसमी गांव का दौराधनबाद के सिविल सर्जन डॉ चंद्रभानु प्रतापन ने बुधवार को डायरिया प्रभावित पूर्वी टुंडी प्रखंड की रामपुर पंचायत के खेसमी व चुरुरियाटांड़ गांव का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया. उन्होंने गांव के दो कुओं का निरीक्षण किया. तत्पश्चात सिविल सर्जन ने कहा कि टुंडी व पूर्वी टुंडी प्रखंड के एक भी कुआं का पानी पीने योग्य नहीं है. अधिकतर कुओं में झाड़ियां उगी हुई हैं. आसपास में गंदगी का ढेर लगा है. इसके बावजूद ग्रामीण कुओं के दूषित पानी का सेवन कर रहे हैं. इससे डायरिया फैल रहा है. स्वास्थ्यकर्मियों को विभाग द्वारा जो ब्लीचिंग व ओआरएस उपलब्ध कराया जाता है, उसका सही तरीके से उपयोग नहीं हो पाता है. पेयजल स्रोतों, गंदी नालियों तथा सार्वजनिक स्थलों पर ब्लीचिंग छिड़काव का जिम्मेवारी कौन तय करेगा. सिविल सर्जन ने ग्रामीणों को पानी उबालकर व छानकर पीने की सलाह दी. सिविल सर्जन के साथ डब्ल्यूएचओ के सर्विलांस मेडिकल ऑफिसर डॉ अमित कुमार तिवारी, चिकित्सा पदाधिकारी डॉ विकास राणा, भाजपा ग्रामीण किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष समीर कुमार साव, एमपीडब्ल्यू शिबू रजक, सहिया साथी, एएनएम आदि थे.
ग्रामीणों ने टुंडी सीएचसी की व्यवस्था पर उठाया सवाल
चुरुरियाटांड़ के ग्रामीणों ने सिविल सर्जन के समक्ष सीएचसी टुंडी की व्यवस्था पर सवाल उठाया. डायरिया से पीड़ित एक महिला के पति ने कहा कि रात में टुंडी सीएचसी में थे, जहां मरीज को स्लाइन चढ़ाने के नाम पर 100 रुपये की मांग की गयी. कहा कि सीएचसी में मरीजों के पीने के लिए पानी, चादर, पंखा आदि उपलब्ध नहीं है. ग्रामीणों ने बताया कि गांव में कई मरीज ऐसे हैं जो इन असुविधाओं के डर से टुंडी सीएचसी नहीं जाना चाहते हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है