धनबाद के जज ने पुलिस वालों को बताया- कैसे करें केस की जांच

Dhanbad News: धनबाद के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने जिले के पुलिस पदाधिकारियों को इस बात की ट्रेनिंग दी कि किसी केस की फूलप्रूफ जांच कैसे करें.

By Mithilesh Jha | December 16, 2024 6:15 AM

Dhanbad News: धनबाद के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने जिले के पुलिस पदाधिकारियों को केस की जांच कैसे करें, इसके बारे में जानकारी दी. इसके लिए सिविल कोर्ट धनबाद में रविवार को एकदिवसीय जिलास्तरीय कैपिसिटी बिल्डिंग सह जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इसका उद्घाटन धनबाद के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश वीरेंद्र कुमार तिवारी, जिला व सत्र न्यायाधीश संजय कुमार सिंह, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी आरती माला, एसएसपी एचपी जनार्दनन, बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष धनेश्वर महतो, महासचिव जितेंद्र कुमार ने संयुक्त रूप से किया.

इस दौरान न्यायाधीश ने अनुसंधानकर्ताओं को अनुसंधान के गुर सिखाये. झारखंड विधिक सेवा प्राधिकार व प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश वीरेंद्र कुमार तिवारी के निर्देश पर आयोजित कार्यक्रम में न्यायाधीश श्री तिवारी ने कहा कि समाज के प्रति हम सब की जिम्मेवारी है. इसे समय पर पूरा करना हमारा कर्तव्य है. सड़क दुर्घटना के मामलों में समय पर कागजात कोर्ट में जमा नहीं करने से मृतकों के परिजनों को मुआवजा नहीं मिल पाता है.

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सर्वोच्च न्यायालय ने अपने आदेश में स्पष्ट कहा है कि सड़क दुर्घटना के मामले में किसी भी हालत में 30 दिनों के अंदर दुर्घटना सूचना की रिपोर्ट कोर्ट को भेज देनी है, अन्यथा थाने के अधिकारी पर कार्रवाई हो सकती है. धनबाद के एसएसपी एचपी जनार्दनन ने कहा कि पुलिस के पास अत्यधिक कार्य का बोझ होता है. इस कारण कई बार अनुसंधान में कई तरह की त्रुटियां रह जाती हैं. इसका फायदा अभियुक्त को मिलता है. यह कार्यशाला हमारे अनुसंधानकर्ताओं को अनुसंधान में काफी मदद करेगी.

दुष्कर्म पीड़ितों की गरिमा को बनाये रखना जरूरी

महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराध और उससे संबंधित कानून की जानकारी देते हुए न्यायाधीश संजय कुमार सिंह ने कहा कि दुष्कर्म पीड़ितों की गरिमा को बनाये रखने में न्यायपालिका सहित आप सबों का अहम रोल है. मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी आरती माला ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अरणेश व ऐनटिल के मामले में पारित निर्णय का पुलिस कठोरता से पालन करे. किसी भी व्यक्ति को न्यायिक हिरासत में भेजने के लिए कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करने के समय उस व्यक्ति के विरुद्ध उसके अपराध में शामिल होने के पुख्ता साक्ष्य भी पेश करना होगा. अन्यथा उस व्यक्ति को जेल नहीं भेजा जायेगा.

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लोक अभियोजक धनबाद अवधेश कुमार ने एनडीपीएस एक्ट में पुलिस पदाधिकारियों को अनुसंधान करने के तरीके की जानकारी दी. डालसा सचिव सह अवर न्यायाधीश राकेश रोशन ने पीड़ित से संबंधित कानून व उसके पुनर्वास से संबंधित कानून के विषय में बताया. मौके पर बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष, महासचिव जीतेंद्र कुमार, लोक अभियोजक अवधेश कुमार, अपर लोक अभियोजक समित प्रकाश, राजीव उपाध्याय, भरत राम, सहायक लोक अभियोजक वर्षा द्विवेदी व विभिन्न थानों के पदाधिकारी, पारा लीगल वालंटियर, डलसा के पैनल अधिवक्ता उपस्थित थे.

जेल अदालत में कैदियों की स्वास्थ्य जांच, दो बंदी रिहा

उधर, जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वावधान में रविवार को धनबाद जेल में जेल अदालत व मेडिकल कैंप लगाया गया. इसमें अवर न्यायाधीश एंजोलिना जोन, प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी ऋषि कुमार ने मुकदमों की सुनवाई कर ऑनस्पाॅट फैसला सुनाया. प्राधिकार के सचिव सह अवर न्यायाधीश राकेश रोशन ने बताया की जेल अदालत में निबटारे के लिए छह केस चिह्नित किये गये थे.

इसमें दो मुकदमे का निष्पादन कर बंदी आशीष मांझी व आशीष कुमार को मुक्त करने का आदेश दिया गया. वहीं डॉक्टर राजीव कुमार के नेतृत्व में सात सदस्यीय मेडिकल टीम ने बंदियों के स्वास्थ्य की जांच की. दूसरी ओर न्यायिक पदाधिकारी व लीगल एड डिफेंस काउंसिल की टीम द्वारा बंदियों को विभिन्न कानूनों की जानकारी विधिक जागरूकता शिविर के माध्यम से दी गयी. मौके पर कारा अधीक्षक एलएडीसीएस के डिप्टी चीफ अजय कुमार भट्ट व सहायक लोग उपस्थित थे.

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