5 साल में एक जलमीनार बना, न पाइप बिछी, न ही घरों में पानी का कनेक्शन दिया

Dhanbad News: धनबाद जिले में शहरी जलापूर्ति योजना की स्थिति बदतर है. 5 साल में एक जलमीनार बन पायी. न तो पाइपलाइन बिछी न ही घरों में पानी का कनेक्शन दिया जा सका.

By Mithilesh Jha | February 12, 2025 5:40 AM
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Dhanbad News: झारखंड के धनबाद जिले में शहरी जलापूर्ति फेज-1 का काम काफी धीमी गति से चल रहा है. पांच साल बीत गये और मात्र 59.56 प्रतिशत काम हुआ. आठ जलमीनार बनना है और अब तक मात्र एक जलमीनार बनकर तैयार हुआ है, उसमें भी अब तक पाइप लाइन का काम अधूरा है. कतरास से गोधर तक 14 वार्डों में 55243 घरों में पानी देना है. पांच सालों में मात्र 1998 घरों में कनेक्शन दिया गया है. काम में शिथिलता को लेकर जिला प्रशासन ने एफआईआर करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. नगर निगम ने प्रोसेडिंग तैयार कर जिला प्रशासन को भेज दी है. अब आगे की कार्रवाई जिला प्रशासन के स्तर से होगी.

दिसंबर 2018 में श्रीराम इपीसी को मिला था 166 करोड़ का ठेका

अटल मिशन फॉर रेजुवेशन एंड अर्बन ट्रांस्फॉर्मेशन (अमृत) के तहत 4 दिसंबर 2018 को 166 करोड़ की शहरी जलापूर्ति फेज-1 के लिए श्रीराम इपीसी को काम अवार्ड किया गया. 2019 में श्रीराम इपीसी ने काम शुरू किया. 2022 में काम पूरा करने की डेड लाइन थी. कोरोना के कारण एक साल एक्सेंटशन दिया. दूसरी बार 2023 में मार्च 2024 तक के लिए एक्सटेंशन दिया गया. तीसरी बार एक्सटेंशन के लिए श्री राम इपीसी ने आवेदन दिया है.

धनबाद जलापूर्ति फेज-1 का हाल

  • 166 करोड़ की लागत से 2019 में शुरू हुआ काम पांच साल में सिर्फ 59.56 प्रतिशत हुआ
  • कतरास से गोधर तक 55243 घरों में देना है पानी, मात्र 1998 घरों दिया गया कनेक्शन
  • बनने हैं 8 जलमीनार, पांच साल में मात्र एक जलमीनार बने, छह में चल रहा काम
  • 380 किमी तक बिछायी गयी है डिस्ट्रीब्यूशन पाइप लाइन, 263 किमी तक बिछी है पाइप
  • 25.81 किमी तक बिछानी है राइजिंग पाइप, 14.7 किमी तक बिछाई गयी

इन जगहों पर आ रही समस्या

  • राहुल चौक कतरास में रोड काटकर पाइप बिछानी है. आरसीडी की ओर से एनओसी मिल गया है, लेकिन तकनीकी कारण से अब तक पाइप नहीं बिछायी जा सकी.
  • छाताबाद जामिया मस्जिद के पास तकनीकी इश्यू के कारण लटका है जलमीनार का काम.
पाइपलाइन बिछाने के लिए खोदे जा रहे गड्ढे. फोटो : प्रभात खबर

जिला प्रशासन की ओर से एफआईआर की चल रही प्रक्रिया

  • श्रीराम इपीसी को दो बार मिल चुका है एक्सटेंशन
  • बैठक में श्रीराम इपीसी के वरीय पदाधिकारी नहीं आने व काम में लापरवाही को लेकर श्रीराम इपीसी पर प्राथमिकी दर्ज करेगा प्रशासन

कतरास से केंदुआ तक 55243 घरों को देना है पानी कनेक्शन

वार्ड नंबर एक से लेकर 13 तक (कतरास व छाताटांड़ अंचल) के 55243 घरों में पानी कनेक्शन देना है. श्रीराम इपीएस ने अब तक 1998 घरों में कनेक्शन दिया गया. श्रीराम इपीएस को 25.81 किलोमीटर तक राइजिंग पाइप लाइन व 380 किलोमीटर तक डिस्ट्रीब्यूशन पाइप लाइन बिछानी है. पांच सालों में 14.7 किमी तक राइजिंग पाइप तथा 263 किमी तक डिस्ट्रीब्यूशन पाइप बिछायी गयी है.

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तोपचांची, जमुनिया व जामाडोबा जलाशय से लिया जायेगा पानी

शहरी जलापूर्ति फेज-1 में बन रहे जलमीनार में तोपचांची झील, जमुनिया व जामाडोबा जलाशय से पानी लिया जायेगा. इसके अलावा जेनएनयूआरएम के तहत बनाये गये 11 जलमीनार को भी इन तीनों जलाशय से पानी उपलब्ध कराया जायेगा.

क्या है जलमीनार की स्थिति

  • छाताबाद (जामिया मसजिद) के पास : 2.1 मिलियन लीटर क्षमता का जलमीनार बनना है. जमीन की बियरिंग क्षमता कम होने के कारण काम शुरू नहीं हुआ. पांच साल बीत गये, लेकिन दूसरी जगह जमीन नहीं दी गयी.
  • लिलोरी स्थान, कतरास : 2.1 मिलियन लीटर क्षमता का जलमीनार बनना है. जलमीनार का काम पूरा हो गया है. पाइप लाइन का काम चल रहा है.
  • तेतुलमारी : 2.1 मिलियन लीटर क्षमता का जलमीनार बन रहा है.
  • छाताबाद, विवाह भवन : 1.7 मिलियन लीटर क्षमता का जलमीनार का काम चल रहा है.
  • गड़ेरिया : 2.45 मिलियन लीटर क्षमता का जलमीनार बन रहा है.
  • गोधर, जमाडा कार्यालय परिसर : गोधर में तीन जलमीनार बन रहे हैं.

पिछले दिनों जिला प्रशासन ने जलापूर्ति पर बैठक की थी. श्रीराम इपीसी के काम में शिथिलता को लेकर एफआइआर का निर्देश दिया गया था. नगर निगम से प्रोसीडिंग बनाकर जिला प्रशासन को उपलब्ध करा दिया गया है.

रवि राज शर्मा, नगर आयुक्त

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