धनबाद स्टेशन के बाहर रेलवे के सर्कुलेटिंग एरिया के थ्रू लेन और स्टेशन के मुख्य गेट पर संवेदक का कब्जा है. इन दोनों जगहों पर नियम विरुद्ध वाहन पार्क कराये जा रहे हैं और उनसे मोटी कमाई की जा रही है.
इतना ही नहीं थ्रू लेन से गुजरने वाले वाहन चालकों से भी पैसे वसूले जा रहे हैं. जबकि इस लेन से गुजरने पर वाहन चालकों से किसी तरह की वसूली का नियम नहीं है. नियमों की अनदेखी को देखकर भी जिम्मेदार मौन साधे हुए हैं. न तो किसी तरह की कार्रवाई होती है और ना ही नियमों की अवहेलना को रोकने की दिशा में कोई प्रयास किया जा रहा है. इन सब के बीच आम लोगाें को परेशानी हो रही है.
क्या है समस्या
थ्रू लेन पर वाहनों को पार्क किये जाने से स्टेशन में जाने वाले मार्ग में हमेशा जाम की स्थिति बनी रहती है. थ्रू लेन पर टोटो व ऑटो चालकों की भीड़ रहती है. इस वजह से धनबाद आने वाले रेल यात्रियों को आने जाने में परेशानी होती है. थ्रू लेन से गुजरने वाले वाहनों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. कई बार अपने वाहन से स्टेशन पहुंचने वाले यात्रियों की ट्रेन भी छूट जाती है. कई यात्रियों को हड़बड़ी में ट्रेन पकड़ना पड़ता है. इससे हादसे का भी खतरा बना रहता है.
नो पार्किंग साइन बोर्ड किसी काम का नहीं
रेलवे की ओर से सर्कुलेटिंग एरिया के थ्रू लाइन में नो पार्किंग का साइन बोर्ड लगाया गया है. साथ ही इस लेन पर वाहन पार्क करने पर 500 रुपये जुर्माना की चेतावनी का भी बोर्ड लगा हुआ है. लेकिन यह किसी काम का नहीं है. क्योंकि इस नियम को संवेदक ही तोड़ते हैं और थ्रू लेन में वाहन लगवाकर पैसे की वसूली करते हैं.
नियम के अनुसार, थ्रू लाइन में प्रवेश करने वाले वाहनों को सिर्फ यात्रियों को उतार कर वाहनों को लेकर चले जाना है. लेकिन इस लाइन में निजी वाहनों के साथ ही ऑटो और टोटो भी लगा दिया जाता है. निजी वाहनों से भी पैसे की वसूली होती है.
थ्रू लेन से गुजरना है, तो देने होंगे 10 से 20 रुपये, यही है अवैध कमाई
थ्रू लेन से गुजरने वाले ऑटो के साथ ही निजी वाहनों से 10 से 20 रुपये पार्किंग के नाम पर वसूला जाता है, जबकि थ्रू लाइन से गुजरने वाले वाहनों से किसी प्रकार का चार्ज नहीं लिया जाना है.
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एटीएम के बाहर के एरिया में भी होती है पार्किंग
धनबाद स्टेशन के मुख्य द्वार के बगल में एटीएम है. इस एरिया में वाहनों को पार्क करने की सख्त मनाही है. इसके बाद भी यहां पर दर्जनों वाहन पार्क कर दिया जाता है. इस वजह से एटीएम में आने-जाने वाले रेल यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है.
इसके अलावा आरक्षण कार्यालय के बाहर में पार्किंग के लिए एरिया दिया गया है. यहां के पार्किंग एजेंट वाहनों को अंदर के साथ ही बाहर में भी वाहन पार्क कराने के लिए पैसे ले रहे है, जबकि यहां पर नो पार्किंग का साइन बोर्ड रेलवे की ओर से लगाया गया है.
जवाबदेहों का रटा-रटाया जवाब : कोई शिकायत नहीं करता, इसलिए नहीं होती कार्रवाई
मामले में रेलवे व आरपीएफ के अधिकारियों से पूछने पर रटा-रटाया जवाब मिलता है कि यात्री शिकायत नहीं करते हैं. इसमें सच्चाई भी है, क्योंकि यात्रियों से वसूली गयी रकम 10 से 20 रुपये इतनी छोटी है कि कोई शिकायत के चक्कर में पड़कर अपना समय बर्बाद नहीं करना चाहता है. ऐसे में सवाल उठता है कि शिकायत न हो, तो संवेदक को मनमानी करने की छूट कैसे दी जा सकती है. इस सवाल पर जिम्मेदार मौन साध लेते हैं.