धनबाद: पर्यटन स्थल बनने की असीम संभावनाएं होते हुए भी माटीगढ़ा डैम का आज तक विकास नहीं हो सका. बाघमारा के पूर्व विधायक व वर्तमान में सांसद ढल्लू महतो ने तीन साल पूर्व ही पर्यटन स्थल बनाने की घोषणा की थी. लेकिन वह पूरा होता दिखाई नहीं पड़ रहा है. डैम के प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने के लिए 25 दिसंबर से ही सैलानियों का आना‐जाना शुरू हो जाता है. पौष मास में यहां भीड़ लगी रहती है. डैम के बगल में गोवर्धन पर्वत, जामुनिया काली मंदिर और रेस्टोरेशन इकोलॉजिकल रेस्टोरेशन पार्क भी है. यहां का दृश्य सैलानियों को लुभाता है.
नया पुल निर्माण पूरा
पूर्व विधायक ढल्लू महतो की अनुशंसा पर दो जिले को जोड़ने के लिए डैम के नीचे ग्रामीण विकास विशेष मंडल धनबाद के द्वारा मुख्यमंत्री ग्राम सेतु योजना के तहत जमुनिया नदी पर नया पुल निर्माण कार्य पूरा हो गया है. सड़क निर्माण कार्य होना बाकी है. लेकिन डैम का सौंदर्यीकरण की कोई सुगबुगाहट नहीं है. डैम का निर्माण हुए 46 साल हो गये, लेकिन आज तक डैम के सौंदर्यीकरण का प्रयास बीसीसीएल प्रबंधन ने नहीं किया.
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आकर्षित करता है डैम
डैम के पास एचडी 185 लाख गैलेन क्षमता वाला टैंक बना है. यहां से बीसीसीएल के एरिया वन और ब्लॉक टू की कॉलोनियों में जलापूर्ति होती है. टैंक पर चढ़कर प्राकृतिक सुंदरता को देखा जा सकता है. बड़े चट्टानों व बालू के टीले के बीच बैठना तथा घूमना‐फिरना पर्यटकों को भाता है. 50 फीट की ऊंचाई पर बने डैम से गिरते पानी का दृश्य आगंतुकों का मन मोह लेता है. सूर्योदयऔर पहाड़ी की ओट में डूबते सूरज की स्वर्णिम किरण से प्रतिबिंबित जल का अलग ही आकर्षण होता है