धनबाद की नई डीसी ने ग्रहण किया पदभार, लोकसभा चुनाव में होगा पहला टेस्ट
नयी उपायुक्त के लिए विकास योजनाओं में तेजी लाने की भी चुनौती होगी. एक सप्ताह के अंदर लोकसभा चुनाव की घोषणा होने की संभावना है.
धनबाद की नयी उपायुक्त माधवी मिश्रा के समक्ष कई चुनौतियां होंगी. इसमें सबसे बड़ी चुनौती अप्रैल-मई के बीच संभावित लोकसभा चुनाव को शांतिपूर्ण संपन्न कराना होगा. यह चुनाव नयी उपायुक्त के लिए पहला लिटमस टेस्ट होगा. धनबाद की नयी उपायुक्त माधवी मिश्रा को यहां के भौगोलिक क्षेत्र की जानकारी है. धनबाद में सहायक दंडाधिकारी सह सहायक समाहर्ता (परीक्ष्यमान) के रूप में लगभग एक साल तक रही थीं. 2015 बैच की आइएएस अधिकारी के लिए धनबाद में काम करना चुनौतीपूर्ण होगा. आबादी के हिसाब से धनबाद लोकसभा क्षेत्र राज्य का सबसे बड़ी लोकसभा क्षेत्र है. यहां 22 लाख से अधिक मतदाता हैं. यहां पर सबसे ज्यादा मतदान केंद्र है. धनबाद की उपायुक्त के साथ-साथ लोकसभा चुनाव के लिए रिटर्निंग ऑफिसर भी होंगी. लोकसभा चुनाव में उन्हें बोकारो एवं गिरिडीह जिला के साथ भी समन्वय स्थापित करना होगा. राजनीतिक रूप से भी धनबाद एक संवेदनशील क्षेत्र है. यहां पर सभी राजनीतिक दलों का विश्वास जीतना होगा.
विकास योजनाओं में तेजी लाना भी चुनौती
नयी उपायुक्त के लिए विकास योजनाओं में तेजी लाने की भी चुनौती होगी. एक सप्ताह के अंदर लोकसभा चुनाव की घोषणा होने की संभावना है. इसके साथ ही आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू हो जायेगा. इससे पहले लंबित विकास योजनाओं को प्रशासनिक व तकनीकी स्वीकृति दिलाने के साथ-साथ टेंडर भी करवाना होगा. चुनाव की घोषणा के बाद नयी योजना स्वीकृत नहीं की जा सकती. चालू वित्त वर्ष समाप्त होने में भी चंद दिन ही शेष बचे हैं. ऐसे में विभिन्न विभागों के राजस्व के लक्ष्य की वसूली में भी तेजी लाना होगा. उन्हें पूर्ण कराना होगा.
अवैध खनन, जीएसटी की फर्जीवाड़ा भी चुनौती
धनबाद में आर्थिक अपराध भी खूब होता है. खासकर कोयला का अवैध उत्खनन, परिवहन के मामले सुर्खियों में रहता है. पुलिस के साथ-साथ जिला प्रशासन को भी इन अपराधों को रोकने के लिए काम करना होता है.