Dhanbad News : अधिकांश पीडीएस से नहीं शुरू हो पाया धोती-लुंगी-साड़ी वितरण

प्रभात खास : धनबाद में 4.50 लाख की जगह सिर्फ 60 हजार ही साड़ी आयी, कई प्रखंडों में पड़े हैं तीन लाख से अधिक धोती-लुंगी

By Prabhat Khabar News Desk | December 27, 2024 1:35 AM
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चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 का लगभग नौ माह समाप्त हो चुका है. लेकिन, अब तक धनबाद में सोना-सोबरन धोती-साड़ी वितरण योजना के तहत इस वर्ष एक भी बार पीडीएस के जरिये लाभुकों को धोती-साड़ी नहीं मिल पायी है. यहां 4.50 लाख की जगह अब तक सिर्फ 60 हजार साड़ी ही आयी है. जबकि सवा तीन लाख से अधिक धोती-लुंगी यहां पहुंच चुके हैं. साड़ी के अभाव में यहां 90 फीसदी से अधिक जन वितरण दुकानों (पीडीएस) से धोती-साड़ी का वितरण शुरू नहीं हो पाया है. मिली जानकारी के अनुसार धनबाद जिला में 1612 जन वितरण प्रणाली (पीडीएस) दुकानें हैं. इन दुकानों से जुड़े 4.50 लाख लाल, हरा कार्डधारी शामिल हैं, को वर्ष में दो बार साड़ी तथा धोती व लुंगी में कोई एक चीज मिलती है. चालू वित्तीय वर्ष में अब तक एक बार भी धोती-साड़ी का वितरण नहीं हुआ है. हालांकि, कुछ प्रखंडों में धोती-लुंगी आ चुकी है. जबकि साड़ी बहुत कम ही आयी है. ग्रामीण क्षेत्र के कुछ दुकानों में धोती, लुंगी-साड़ी का वितरण शुरू कराया गया है. हांलांकि, इसकी संख्या नाम मात्र की है. जिला स्तर से विभाग को पत्र भेजा गया है.

क्या है सोना-सोबरन धोती-साड़ी वितरण योजना

हेमंत सरकार ने सोना-सोबरन धोती-साड़ी वितरण योजना शुरू की थी. इस योजना के तहत लाल व हरा कार्डधारियों को प्रति कार्ड एक साड़ी तथा एक धोती या लुंगी साल में दो बार दिया जाना है. लाभुकों से धोती व साड़ी के लिए 10-10 रुपया लिया जाता है. यह राशि पीडीएस संचालकों को दी जाती है. दुकानदारों को कमीशन व ट्रांसपोर्टिंग कॉस्ट के रूप में छह रुपये मिलते हैं. पीडीएस संचालकों को प्रखंड से धोती, लुंगी-साड़ी को प्रखंड कार्यालय से दुकान तक लानी होती है. इसका डोर स्टेप डिलेवरी नहीं होती.

कोट :

सोना-सोबरन धोती-साड़ी वितरण योजना के तहत राज्य मुख्यालय से धोती-साड़ी की आपूर्ति शुरू हुई है. साड़ी कम मिलने के कारण यहां अब तक सभी पीडीएस से इसका वितरण शुरू नहीं हो पाया है. हर कार्डधारी को साड़ी अनिवार्य रूप से देना है. जबकि धोती-लुंगी में से कोई एक चीज पसंद के अनुसार ले सकते हैं. उम्मीद है कि दो-तीन दिनों में साड़ी की खेप यहां आयेगी. इसके बाद वितरण में तेजी लायी जायेगी.

प्रदीप शुक्ला,

डीएसओ, धनबाद

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