आफत की बारिश : गोधर में गैस रिसाव व धुआं से सांस लेना मुश्किल
बारिश के कारण न केवल जनजीवन प्रभावित हुआ है, बल्कि शहर के कई हिस्से धुएं में ढक गये हैं. कोयला खदानों की वजह से ऐसे स्थिति हुई है.
शहर में हो रही लगातार बारिश ने गोधरा शहर के हालात को गंभीर बना दिया है. बारिश के कारण न केवल जनजीवन प्रभावित हुआ है, बल्कि शहर के कई हिस्से धुएं में ढक गये हैं. कोयला खदानों की वजह से ऐसे स्थिति हुई है. स्थानीय लोगों ने बताया कि जमीन के नीचे लगी आग की वजह से धुआं निकल रहा है. गैस रिसाव की वजह से लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है.
बारिश से रेजलीबांध सौंदर्यीकरण योजना को लगा धक्का :
लगातार हो रही बारिश ने गोविंदपुर रेजली बांध के जीर्णोद्धार कार्य में बाधा उत्पन्न कर दी. तालाब के ऊपरी हिस्से में रखा मिट्टी का ढेर व सारा कचरा तालाब में घुस गया. संवेदक ने मिट्टी काटने के बाद पार्क बनाने के लिए उसे स्टॉक में रखा था. बारिश की वजह से अब तक तालाब का गहरीकरण कार्य बेकार हो गया. भाजपा महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष अधिवक्ता जया कुमार ने शुक्रवार को कहा कि संवेदक की लापरवाही से डीएमएफटी फंड का पांच करोड़ रुपये बर्बाद हो गया. यहां केवल पश्चिम दिशा की चहारदीवारी बची हुई है. उन्होंने उपायुक्त एवं उप विकास आयुक्त से मामले की जांच की मांग की है.मेडिकल कॉलेज के ओपीडी में इलाज कराने पहुंचे सिर्फ 350 मरीज :
लगातार हो रही बारिश का असर शुक्रवार को एसएनएमएमसीएच व सदर अस्पताल के ओपीडी पर भी दिखा. आमतौर पर एसएनएमएमसीएच के ओपीडी में 1200 से 1300 मरीज रोजाना इलाज कराने पहुंचते है. शुक्रवार को मरीजों की संख्या में गिरावट दर्ज की गयी. शुक्रवार को सुबह व शाम की ओपीडी में 350 मरीजों का ओपीडी रजिस्ट्रेशन किया गया. इसी तरह सदर अस्पताल में भी मरीजों की संख्या अन्य दिनों के मुकाबले कम रही. सामान्य दिनों में सदर अस्पताल के ओपीडी में 700 से 800 मरीज इलाज कराने पहुंचते है. शुक्रवार को महज 103 मरीज ही पहुंचे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है