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फलक तक करें विस्तार, पर मां के पल्लू का छोर ना छूटे…

मदर्स डे की पूर्व संध्या पर प्रभात खबर कार्यालय में जुटीं शहर की प्रबुद्ध महिलाएं, अनुभव साझा किये, तो बच्चों को सुझाव व आशीष भी दिया

धनबाद,

मदर्स डे की पूर्व संध्या पर प्रभात खबर कार्यालय में शहर की प्रबुद्ध महिलाओं का जुटान हुआ. इस दौरान सबने अपने अनुभव साझा किये, तो बच्चों के लिए सुझाव भी दिये. खास कर सबका यह मानना था कि तेज रफ्तार इस दुनिया में कदमताल करने के साथ अपने सपनों को पूरा करने की कोशिश में बच्चों का संघर्ष बढ़ता जा रहा है. अभिभावक और बच्चों के बीच भी दूरी बढ़ी है, क्योंकि एक तरफ बच्चों के सपनों को पूरा करने और खुद की जमीन बचाये रखने की कोशिश में वो लगे हैं, तो दूसरी ओर बच्चे भी पढ़ाई से लेकर नौकरी तक के संघर्षों में दोचार हो रहे हैं. ऐसी स्थिति में सेतु का काम करती है मां. अपने आशीष और स्नेह के बल ना केवल वो बच्चों को दुनियावी दस्तूर सिखातीं हैं, बल्कि जीवन की रणभूमि में योद्धा बनने की कला भी बताती हैं. प्रभात खबर कार्यालय में आयी ऐसी माताओं ने कहा : फलक तक करें विस्तार, पर मां के पल्लू का छोर ना छूटे…

मांओं ने कहा

मां है तो एक शब्द, लेकिन इसमें बच्चों की पूरी दुनिया समायी हुई है. सिर्फ बच्चों की ही नहीं परिवार की जरूरतों को भी समझती है. मां अपने बच्चों को संस्कारों से सींचती है.

डॉ ईशा रानी,

स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञइस सृष्टि में मां ही एक रास्ता है, जो बच्चों को जन्म देती है, जाने के तो कई रास्ते हैं. मौजूदा समय में बच्चों में ईगो प्रॉब्लम हो रहा है. बाहर रह रहे बच्चों के कांटेक्ट में रहें.

मीना जैन,

गृहिणी

एक बच्चे को जन्म देने में मां को कितनी पीड़ा से गुजरना होता है, यह हम रोज देखते हैं. मां शुरू से ही बच्चों के लिए त्याग करती है. आजकल मां व बच्चों के बीच संवाद कम हो रहे हैं.

डॉ अंजना कुमारी, स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञमां शब्द में अपने आप में बड़ा होता है. भगवान का शुक्रिया, जो मुझे दो बच्चों की मां बनाकर मातृत्व का सुख दिया. बच्चों को मां बहन बेटी की इज्जत करना घर से सीखाना चाहिए.

स्मिता सिंह,

व्यवसायी

मां के बारे में क्या कहूं, वह तो बच्चों की पूरी दुनिया होती है. शुरुआत भी मां, अंत भी मां. मां के बारे में बोलते ममता से भर जाती हूं. बच्चों का ज्यादा समय मां के साथ गुजरता है.

सीमा शर्मा,

वेलनेस कोच

मां शब्द अपने आप में परिपूर्ण है, जिस दिन जन्म देनेवाली मां के साथ अन्य मां की इज्जत करना सीख जायेंगे, उस दिन सही मायने में मातृत्व दिवस होगा.

सुधा मिश्रा,

अधिवक्तामां बड़ा शब्द है. हर बच्चे के लिए महत्वपूर्ण है. बच्चे सिर्फ अपनी ही नहीं, हर मां का आदर-सम्मान करें. बच्चों की पहली गुरु मां ही होती है, जो उसे ज्ञान की बाते सीखाती है.

रिया सिंह,

निदेशक किड्स केयर मांटेसरी स्कूल

मां नि:स्वार्थ भाव से बच्चों के नाम पूरी जिंदगी कर देती है. जॉब करने पर सैलरी मिलती है, लेकिन मां 24 घंटे नि:शुल्क बच्चों की सेवा करती है. मां बनने के बाद मां का त्याग समर्पण जाना.

रूबी सांकृत्यायन,

निदेशक स्माइल फाउंडेशनमां बच्चों को शुरू से ही संस्कार से सींचे. बड़ों का सम्मान करना सिखायें. मां ईश्वर की अनमोल कृति है, धरा पर जो सिर्फ देना जानती है. उसके उपकार का कोई मोल नहीं है.

श्वेता कुमारी,

गृहिणी

मां शब्द अनमोल है. आजकल बच्चों को अपने ग्रैंड पैरेंट्स का लाड़, गाइडेंस नहीं मिल पा रहा है. फिर से संयुक्त परिवार की जरूरत है. संयुक्त परिवार बच्चों की नींव मजबूत बनाते हैं.

आरती प्रसाद,

गृहिणीबच्चों के जीवन में मां की अहम व सशक्त भूमिका होती है. पुरुष के जीवन में मां, बहन-बेटी के रूप में कई मां होती है, लेकिन नारी के जीवन में बस एक ही मां होती है.

भारती दुबे,

गृहिणी

मां के लिए क्या कहूं. मां के लिए कुछ कहना संभव नहीं. एक मां बच्चों की पूरी दुनिया होती है. बच्चों को संस्कारों से सींचती है, उन्हें अच्चे-बुरे का पाठ पढ़ाती हैं. सबसे बड़ी बात वह सिर्फ देती है.

दीपाली सिंह,

गृहिणीहमारे समाज में, जो बदलाव आया है. कुकृत्य की घटनाएं तेजी से बढ़ रही है. इसका कारण है, बच्चों से बुजुर्गों का साया छिन सा गया है. मां अपने हिस्से के सारे कर्तव्य कर रही है.

श्रद्धा साह,

स्टेपिंग स्टोन डांस सेंटर की निदेशक

मां शब्द नहीं एहसास है. उसके लिए जितना बोले कम है. एक मां का ही प्यार है, जो सब रिश्तों से नौ महीने ज्यादा होता है. मां का अपने बच्चों के साथ भावनात्मक संबंध होता है.

रीना सिंह,

होम मेकरमां नहीं होती, तो शायद बच्चे भी न होते. बदलते परिवेश में मां का अपने बच्चों के साथ स्ट्रांग बांडिंग होनी चाहिए. मैंने अपनी मां से हर परिस्थिति का सामना करना सीखा है.

शिल्पी कोचर,

व्यवसायीमां तो बस मां होती है. अपने बच्चों के लिए त्याग समर्पण, ममता की मूर्ति होती है. बच्चों के हर दुख सुख उसके लिए मायने रखते हैं. मां का उपकार कभी नहीं चुकाया जा सकता है.

गंगोत्री सिंह,

व्यवसायी

मां बनना हर औरत के लिए अनमोल है. मातृत्व सुख पाकर स्त्रीत्व सार्थक होता है. मां शब्द अपने आप में परिपूर्ण है. मां के लिए बस इतना कह सकती हूं, तेरे बिना मैं अधूरी हूं.

नेहा कुमारी,

क्राफ्ट टीचरदुनिया की सबसे अच्छी मां आपके धैर्य, ममता, और जीवन का पाठ पढ़ाने के लिए बहुत बहुत आभार. आपके प्यार व जीवनोपयोगी सीख के लिए मैं किन शब्दों में शुक्रिया कहूं मां.

रिंकी सिंह,

शिक्षिकामां के बिना सृष्टि की कल्पना भी नहीं की जा सकती है. बच्चों की दुनिया मां से शुरू होकर मां पर ही खत्म हो जाती है. मां के प्रति सदा आदर सम्मान का भाव बच्चे रखें. ममता की कोई कीमत नहीं.

उषा किरण बरनवाल,

गृहिणी

मां ही हैं, जो बच्चों को जन्म देकर संस्कारों से सींचती है. बच्चों की पहली पाठशाला होती है. जब मां अपने बच्चों को रिश्ते के मायने बतायेंगी, अप्रत्याशित घटनाओं पर रोक लगेगी.

नेहा पांडेय,

गृहिणीइंसान की अस्तित्व की पहचान मां से होती है. एक मां अपने बच्चों की आंखों से सोती जागती है. सपने को पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास करती है. मां के लिए कहना संभव नहीं.

नम्रता गुप्ता,

गृहिणी

मां से पूरी कायनात है. मां है, तो खुशियां है, मेरी हिम्मत है. हौसला है, ताकत है. मां के लिए क्या कहूं. मेरे लिए एक दिन नहीं हर दिन है मदर्स डे, मां से बंधा है बच्चों का अस्तित्व.

खुशबू कुमारी,

नर्सिंग स्टूडेंटमां अपने बच्चों की बैंक होती हैं, जहां बच्चे अपनी खुशियां, परेशानी डिपॉजिट करते हैं. कभी मां का व्यवहार समझ में नहीं आता है. कहती हैं मुंह बंदकर खाओ. बंद मुंह से खाना संभव नहीं.

साधना सूद,

शिक्षिका

मां धरा पर ईश्वर की वो अनुपम कृति है, जिसके बिना सृष्टि नहीं चल सकती. संयुक्त परिवार की बागडोर मां पर टिकी रहती है. मां अपने बच्चों के प्रति पूरी तरह समर्पित होती है.

सुषमा प्रसाद,

व्यवसायीमां बच्चों के बीच अनकंडीशनल बॉन्डिंग होती है. मां अपने बच्चों की खुशी चाहती हैं. उनके लिए हमेशा नि-स्वार्थ उपलब्ध रहती है. मां के प्रति हमेशा आदर व सम्मान बच्चों के मन में रहना चाहिए.

पिंकी गुप्ता,

समाज सेविका

माताओं ने जतायी चिंता

बच्चों से छिन गये हैं दादी-नानी के गोद, लोरी

दादा-नाना का मार्गदर्शन व अनुभव से वंचित हो गये बच्चे

वर्किंग मां और बच्चों के बीच हो गयी है गैपिंग

बड़ों का सम्मान नहीं कर रहे बच्चे

सिमट गया है अपनों का दायराएकल परिवार ने बढ़ायी परेशानी

माताओं ने दिये सुझाव

एकल की जगह संयुक्त परिवार की जरूरतजरूरी है बच्चों के साथ समय बिताना

बच्चों की हर जरूरत को झट से पूरी न करेंमां अपने बच्चों में संस्कार डालें

मां बच्चों के बीच हो स्ट्रॉन्ग बॉन्डिंग होबच्चों की एक्टिविटी पर नजर रखना जरूरी

बेटियों ने काटा केक :

मदर्स डे की पूर्व संध्या पर प्रभात खबर कार्यालय में आयोजित मदर्स डे स्पेशल कार्यक्रम में मां संग आयी बेटियों ने केक काट कर मदर्स डे मनाया. उपस्थित से मांओं को फील गुड कराया. धृति सिंह, अभिलाषा व अदित्री प्रिया ने केक काट उपस्थित सभी मांओं को मदर्स डे विश किया.

माताओं ने लिया मतदान का संकल्प :

कार्यक्रम में शामिल महिलाओं ने प्रभात खबर द्वारा चलाये जा रहे अभियान वोट करें देश करें के तहत 25 मई को मतदान करने का संकल्प लिया. आधी आबादी ने कहा कि 18वीं लोकसभा चुनाव में हम सब मतदान अवश्य करेंगे. अपने आस पास के लोगों को भी मतदान करने के लिए प्रेरित करेंगे. मतदान शत प्रतिशत हो, इसके लिए सबको सहयोग व जागरूक होने की जरूरत है. पांच साल के बाद लोकतंत्र का महापर्व आता है. हमें इसका हिस्सा बनना चाहिए

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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