हंगामेदार रही जिला चेंबर की आमसभा, नहीं बनी सहमति

धनबाद जिला चेंबर ऑफ कॉमर्स की आमसभा हंगामेदार रही. कतरास रोड स्थित होटल में आयोजित आमसभा में सर्वसम्मति से र साल के कार्यकाल को एक टर्म मानते हुए चुनावी प्रक्रिया शुरू करने पर सहमति बनी.

By Prabhat Khabar Print | July 5, 2024 2:06 AM

धनबाद जिला चेंबर ऑफ कॉमर्स की आमसभा हंगामेदार रही. कतरास रोड स्थित होटल वेलेंटिनो में आयोजित आमसभा में खूब शब्दों के बाण चले. चार साल को एक टर्म मानने के मामले में भी खूब खींचतान की गयी. अंतत: आमसभा ने सर्वसम्मति से कोरोना काल को देखते हुए चार साल के कार्यकाल को एक टर्म मानते हुए चुनावी प्रक्रिया शुरू करने पर सहमति बनी. आम सभा भंग कर नयी कार्यकारिणी की प्रक्रिया शुरू की गयी. संरक्षक राजीव शर्मा, संरक्षक राजेश गुप्ता व संरक्षक उदय प्रताप सिंह की देखरेख में चुनावी प्रक्रिया शुरू की गयी. संरक्षक की ओर से नयी कार्यकारिणी के चुनाव के लिए तीन चुनाव पदाधिकारियों का नाम मांगा, तो राजकुमार महतो, ललित जगनानी, दीपक कुमार दीपू, प्रदीप सिंह, शीवाशीष पांडेय, राजेश दुदानी व बुवन राव का नाम आया. संरक्षकों को तीन नाम ही चुनना था. लिहाजा शीवाषीष पांडेय, दीपक कुमार दीपू व बुवन राव ने अपना नाम वापस ले लिया. जबकि राजकुमार महतो को यह कहा गया कि चेंबर से नये-नये जुड़े हैं, अनुभव की कमी है, अगली बार उन्हें मुख्य चुनाव पदाधिकारी बना दिया जायेगा. संरक्षकों ने ललित जगनानी, प्रदीप सिंह व राजेश दुदानी को चुनाव पदाधिकारी बनाने पर मुहर लगायी. तीनों चुनाव पदाधिकारियों ने अध्यक्ष, महासचिव व कोषाध्यक्ष के लिए चुनावी प्रक्रिया शुरू की. इसके पूर्व अध्यक्षीय भाषण में जिला चेंबर अध्यक्ष चेतन गोयनका की. उन्होंने घोषणा की कि एक साल में जिला चेंबर का अपना कार्यालय होगा. जिला चेंबर संरक्षक राजीव शर्मा ने अनुराधा कांड का जिक्र करते हुए संगठन के मजबूती पर बल दिया. संरक्षक राजेश गुप्ता ने चुनाव का अगला सत्र क्या होगा, आमसभा कब होगी, यह भी स्पष्ट होना चाहिए. आमसभा की अध्यक्षता अध्यक्ष चेतन गोयनका व संचालन महासचिव अजय नारायण लाल ने की.

दिलचस्प हुआ जिला चेंबर का चुनाव : जिला चेंबर का चुनाव हॉटकेक बन गया है. अध्यक्ष व महासचिव पद पर संरक्षकों के दावेदारी से चुनाव कापी दिलचस्प हो गयी है. चुनाव पदाधिकारी की ओर से कोषाध्यक्ष पद के लिए नाम मांगा गया, तो पूर्व जिला चेंबर कोषाध्यक्ष श्याम गुप्ता, मोटर डीलर के सचिव प्रेम गंगेसरिया, पार्क मार्केट चेंबर के अध्यक्ष संजीव चौरसिया व कृषि बाजार समिति चेंबर के अध्यक्ष जितेंद्र अग्रवाल ने दावेदारी पेश की. इसके बाद महासचिव के लिए नाम मांगा गया, तो जिला चेंबर के पूर्व महासचिव अजय नारायण लाल, जिला चेंबर के संरक्षक राजेश गुप्ता, धनबाद डिस्ट्रिक डीलर एसो के सचिव प्रभात सुरोलिया व बरवाअड्डा चेंबर के सचिव पप्पू सिंह ने दावेदारी की. अध्यक्ष पद के लिए नाम मांगा गया, तो जिला चेंबर के पूर्व अध्यक्ष चेतन प्रकाश गोयनका, इलेक्ट्रिक डीलर एसोसिएशन के सचिव राजीव शर्मा व जिला खाद्यान्न व्यवसायी संघ के अध्यक्ष विनोद गुप्ता ने दावेदारी की. एक पद के लिए तीन या चार दावेदार होने पर चुनाव पदाधिकारी की ओर से सभी उम्मीदवारों को आपस में आम सहमति के लिए पांच मिनट का समय दिया गया. लेकिन किसी भी पद पर आम सहमति नहीं बनी. लिहाजा चुनाव पदाधिकारी ने बैलेट पेपर पर चुनाव कराने की घोषणा की. एक सप्ताह के अंदर चुनाव की तिथि की घोषणा की जायेगी.

आय-व्यय के ब्योरा पर हुआ हंगामा :

जिला चेंबर की ओर से आय-व्यय का ब्योरा प्रस्तुत किया गया. आय-व्यय का ब्योरा त्रुटिपूर्ण था. बरवाअड्डा चेंबर के वार्षिक शुल्क का जिक्र नहीं था. इसपर बरवाअड्डा चेंबर सचिव पप्पू सिंह ने सवाल उठाया. त्रुटिपूर्ण रहने के कारण आय-व्यय का ब्योरा पास नहीं हुआ. जिला चेंबर अध्यक्ष चेतन गोयनका की ओर से कहा गया कि जो त्रुटि है उसे दूर कर लिया जायेगा.

बैंकमोड़ व सिंदरी चेंबर के बीच ठनी :

बैंकमोड़ चेंबर व सिंदरी चेंबर के बीच विवाद हुआ. हुआ यूं कि बैंक मोड़ चेंबर की ओर से अध्यक्ष प्रमोद गोयल ने बैंक मोड़ की उपलब्धि के बारे में जिक्र करते हुए कहा कि कोरोना काल में उपायुक्त की ओर से मदद के लिए लगातार फोन आता था. अपनी बात पूरी कर जब लौटे, तो सिंदरी चेंबर के सचिव दीपक कुमार दीपू ने कहा कि उपायुक्त की ओर से कोरोना काल में मदद के लिए सिंदरी चेंबर के लिए भी फोन आता था. जब दीपक कुमार दीपू अपनी बात खत्म कर वापस लौटे, तो फिर बैंक मोड़ चेंबर अध्यक्ष प्रमोद गोयल ने दीपक कुमार दीपू के बात का जवाब देने स्टेज पर पहुंचे. इसके बाद हंगामा शुरू हो गया. हालांकि बीच बचाव के बाद मामला शांत हुआ.

56 चेंबर के पदाधिकारी डालेंगे वोट :

जिला चेंबर के 56 चेंबर के पदाधिकारी चुनाव में वोट डालेंगे. हर चेंबर से अध्यक्ष, सचिव व कोषाध्यक्ष अपना मताधिकार का प्रयोग करेंगे. हालांकि 56 चेंबर में कुछ चेंबर कागज पर चल रहे हैं. चुनाव पदाधिकारी के सामने इसका हल निकालना भी बड़ी चुनौती होगी.

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