सदर अस्पताल के गायनी विभाग में मरीजों की घटती संख्या को देखते हुए अस्पताल प्रबंधन गायनी विभाग में नयी व्यवस्था लागू करने पर विचार कर रहा है. इसके तहत आठ घंटे की शिफ्ट में चिकित्सकों की ड्यूटी लगाने की योजना है. वर्तमान में दोपहर तीन बजे ओपीडी समाप्त होने के बाद गायनी विभाग में एक भी चिकित्सक नहीं रहते. शाम के बाद मरीजों के पहुंचने पर ऑनकॉल की व्यवस्था लागू है. यानि, मरीज के पहुंचने पर अस्पताल से गायनी विभाग के चिकित्सक को कॉल कर बुलाया जाता है. कई मामलों में चिकित्सक के पहुंचने में देर होती है. इस वजह से भी मरीज दूसरे अस्पताल का रुख कर लेते है. जबकि, अस्पताल के गायनी विभाग में डॉ संजीव प्रसाद, डॉ अंजना, डॉ सुमन प्रसाद व डॉ रोमा प्रसाद की नियुक्ति है.
जनवरी माह से लगातार घट रही मरीजों की संख्या :
स्वास्थ्य मुख्यालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार जनवरी माह में सदर अस्पताल के गायनी विभाग में 330 डिलीवरी हुई. फरवरी में संख्या घटकर 241 पहुंच गयी. मार्च में 221, अप्रैल में 178, मई में 167, जून में 143, जुलाई में 114, अगस्त में 90, सितंबर में 98, अक्टूबर में 86 व नवंबर माह में अस्पताल में सिर्फ 84 डिलीवरी हुई.जिला अस्पताल में सीएचसी से भी कम डिलीवरी :
सदर अस्पताल समेत जिले के विभिन्न सीएचसी में गायनी विभाग संचालित है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार सदर अस्पताल के गायनी विभाग का आंकड़ा अलग-अलग सीएचसी से खराब है. आंकड़ों के अनुसार सदर अस्पताल से ज्यादा मरीज जिले के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों में भर्ती हो रहे है. वही इन सीएचसी में डिलीवरी की संख्या भी जिला अस्पताल से ज्यादा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है