धनबाद में कुत्तों का आतंक बढ़ गया है. आये दिन डॉग बाइट के मामले सामने आ रहे हैं. दूसरी ओर जिले के सदर अस्पताल, विभिन्न स्वास्थ्य केंद्र व उपकेंद्र में दो दिनों से एंटी रेबीज वैक्सीन वैक्सीन (एआरवी) समाप्त हो गया है. वहीं नगर निगम ने भी कुत्तों के बंध्याकरण के अभियान पर रोक लगा दिया है. इससे शहर में कुत्तों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है. ऐसे में अपनी सुरक्षा अपने हाथ वाली स्थिति उत्पन्न हो गयी है. डॉग बाइट से खुद का बचाव करें और हाथ में डंडा लेकर चलें. क्योंकि आवारा कुत्ते रोजाना बड़ी संख्या में लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं.
एआरवी के लिए एसएनएमएमसीएच बढ़ी भीड़ :
सदर अस्पताल समेत अन्य स्वास्थ्य केंद्रों में एंटी रेबीज का स्टॉक समाप्त होने से एसएनएमएमसीएच में वैक्सीन लेने वालों की भीड़ बढ़ गयी है. आम दिनों में मेडिकल कॉलेज स्थित वैक्सीनेशन केंद्र में रोजाना औसतन 150 से 200 मरीज वैक्सीन लेने के लिए पहुंचते हैं. वर्तमान में मरीजों की संख्या बढ़कर 350 के करीब पहुंच गयी है. यानि, एंटी रेबीज वैक्सीन लेने के लिए रोजाना औसतन 350 मरीज एसएनएमएमसीएच पहुंच रहे हैं.रेबीज का शिकार जामताड़ा का युवक एसएनएमएमसीएच में भर्ती :
कुत्ता काटने के बाद समय पर एंटी रेबीज वैक्सीन नहीं लेने वाले जामताड़ा के कमरमाटांड़ निवासी 32 वर्षीय राम किशोर मंडल रेबीज का शिकार हो गये हैं. लगभग दो माह पूर्व उसे कुत्ते ने काटा था. उसने एंटी रेबीज वैक्सीन नहीं ली थी. रविवार को परिजन उसे लेकर एसएनएमएमसीएच पहुंचे और भर्ती कराकर चले गये. उसमें जानवरों के लक्षण दिख रहे हैं. वह मानसिक रोगी की तरह बर्ताव कर रहा है. इमरजेंसी के मेल मेडिसिन में उसे रखा गया है. इससे अन्य मरीज भी भयभीत है. उसकी स्थिति को देख अस्पताल प्रबंधन ने उसे रिम्स रेफर कर दिया है. लेकिन उसे रिम्स लेकर जाने के लिए कोई मौजूद नहीं है. अस्पताल प्रबंधन लगातार उसके परिजनों से संपर्क करने का प्रयास में कर रहे हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है