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नौ माह बाद भी नहीं बना धैया नाला का डीपीआर, जल जमाव से फिर होगी परेशानी

अब दो विभागों के चक्कर में पीस रहे शहरवासी, गेंद एक-दूसरे के पाले में फेंक रहे नगर निगम और आरसीडी

मुख्य संवाददाता, धनबाद.

नौ माह बीत गये लेकिन अब तक धैया नाला का डीपीआर नहीं बना. आरसीडी ने जो डीपीआर तैयार कर नगर निगम को सौंपा था, निगम ने उसे आधा-अधूरा बताकर आरसीडी को लौटा दिया है. नगर निगम का कहना है कि डीपीआर में यूटिलिटी शिफ्टिंग की राशि नहीं जोड़ी गयी है. जब डीपीआर तैयार किया गया था उस समय आरसीडी के कार्यपालक अभियंता की पोस्टिंग नहीं हुई थी. इसलिए नगर निगम इसे देख रहा था. अब कार्यपालक अभियंता की पोस्टिंग हो चुकी है. ऐसे में आरसीडी स्तर से ही डीपीआर में यूटिलिटी शिफ्टिंग का प्राक्कलन जोड़कर उन्हें टेंडर निकालना है.

इधर आरसीडी का कहना है कि जिला प्रशासन की ओर से कहा गया था कि नगर निगम स्तर से धैया नाला का टेंडर होगा, इसलिए नगर निगम को डीपीआर सौंपा गया था. अगर यूटिलिटी शिफ्टिंग का प्राक्कलन जोड़ना है तो नगर निगम को अपने स्तर से बिजली विभाग से पोल शिफ्टिंग के लिए प्राक्कलन मांगना चाहिए और टेंडर करना चाहिए. अब दो विभागों के चक्कर में शहरवासी पीस रहे हैं. नौ माह बाद भी आज तक डीपीआर आधा-अधूरा है. एक माह बाद मानसून प्रवेश कर जायेगा. जो स्थिति है इससे लगता है कि इस बार भी धैया सड़क पर जल जमाव से लोगों को परेशानी होगी.

चमक लाल मंडल, कार्यपालक अभियंता नगर निगम:

नाला निर्माण के दौरान कुछ जगहों पर पोल की शिफ्टिंग होगी, कुछ कंस्ट्रक्शन भी तोड़े जायेंगे. डीपीआर में यूटिलिटी शिफ्टिंग से संबंधित कोई जिक्र नहीं है. आरसीडी को यूटिलिटी शिफ्टिंग की राशि जोड़कर नया डीपीआर तैयार करने को कहा गया था. चुकीं कार्यपालक अभियंता ने योगदान दे दिया है. लिहाजा आरसीडी को ही अपने स्तर से टेंडर करना है.

प्रकाश कुमार, सहायक अभियंता पथ निर्माण विभाग:

नगर निगम ने जो डॉक्यूमेंट्स मांगे हैं, उन्हें दे दिया गया है. नाला निर्माण के दौरान बिजली के कुछ पोल को शिफ्ट करना है. इसकी शिफ्टिंग के लिए नगर निगम को अपने स्तर से बिजली विभाग से प्राक्कलन मांगना चाहिए. इसे डीपीआर में जोड़कर नगर निगम को धैया नाला का टेंडर निकालना चाहिए.

धैया से सिंफर तक एक किमी बनना है नाला :

धैया से सिंफर तक लगभग एक किलोमीटर लंबा नाला बनना है. इसके लिए 2.21 करोड़ रुपये का प्राक्कलन तैयार किया गया था. डीपीआर में यूटिलिटी शिफ्टिंग की राशि का जिक्र नहीं था. यूटिलिटी शिफ्टिंग की राशि समाहित नहीं होने के कारण नौ माह से मामला लटका हुआ है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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