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1.42 करोड़ रुपये की हेराफेरी मामले में रिटायर्ड मैनेजर को गोविंदपुर से ले गयी दुमका पुलिस, जानें पूरा मामला

दुमका पुलिस कल यानी कि रविवार को 1.42 करोड़ रुपये की हेराफेरी मामले में बैंक कॉलोनी निवासी भोला प्रसाद से पूछताछ कर अपने साथ दुमका ले गयी. दरअस पुलिस उनके पुत्र की तलाश में आयी थी.

गोविंदपुर : ग्राम विकास विशेष प्रमंडल, दुमका के 1.42 करोड़ रुपये की हेराफेरी मामले में वहां की पुलिस ने शनिवार को गोविंदपुर थाना क्षेत्र के गोसाईंडीह बैंक कॉलोनी निवासी भोला प्रसाद से पूछताछ की और उन्हें अपने साथ दुमका ले गयी. भोला प्रसाद बैंक ऑफ इंडिया के अवकाशप्राप्त प्रबंधक हैं.

पुलिस उनके पुत्र अरुण प्रसाद की खोज में आयी थी. अरुण दो माह पूर्व काम के सिलिसले में दिल्ली गया हुआ है. दुमका थाना प्रभारी देवव्रत पोद्दार ने बताया कि अरुण प्रसाद व उसका साला नवादा निवासी राजेश प्रसाद ने उक्त हेराफेरी की है. राजेश प्रसाद इस कांड का मुख्य अभियुक्त है. अरुण प्रसाद सहयोगी की भूमिका में है. दोनों दिल्ली में रहते हैं.

क्या है मामला :

पुल निर्माण के एवज में मेसर्स एबीसी कंस्ट्रक्शन को मिलने वाली राशि को कोषागार के जरिये भेजी जानी थी. डीडीओ के लॉगइन से दस्तावेज व खाते में हेराफेरी कर दी गयी. इससे पैसा गुड़गांव के जीके इंटरप्राइजेज के खाता में भेज दिया गया. मामले में तीन सप्ताह से अनुसंधान में जुटी पुलिस ने अब तक यह खुलासा नहीं किया है कि खाते बदलने, बदलवाने के पीछे कौन-कौन लोग थे.

वहीं पैसे जिस खाते में गये, तो उसकी निकासी किसने की. वहीं इसका भी खुलासा नहीं हुआ है कि डीडीओ लॉगइन का इस्तेमाल खाता संख्या बदलने या पेयी आइडी में बदलाव करने के लिए आखिर कैसे हुआ? दुमका पुलिस इस मामले में ग्रामीण विकास प्रमंडल के रोकड़पाल पंकज कुमार वर्मा और कंप्यूटर ऑपरेटर पवन कुमार गुप्ता को जेल भेज चुकी है. छानबीन में पता चला है कि राजेश और रंजन के खाते में इस राशि का बड़ा हिस्सा ट्रांसफर हुआ है. अरुण प्रसाद का राजेश साला है. घटना पिछले महीने की है.

Posted By : Sameer Oraon

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