Dhanbad News : बकाया बढ़कर पहुंचा आठ करोड़, डीवीसी ने काटी मैथन इंटकवेल की बिजली, भुगतान के आश्वासन पर जोड़ा
बकाया को लेकर दिन के 11.30 बजे डीवीसी ने काटी थी मैथन इंटकवेल की बिजली, दोपहर 3.30 बजे सप्लाई की शुरू, डीवीसी के अनुसार अगस्त, 2024 से अबतक का बकाया पहुंचा आठ करोड़, पेयजल विभाग नहीं कर रहा भुगतान
दामोदर वैली कॉरपोरेशन (डीवीसी) ने आठ करोड़ रुपये बकाया को लेकर शनिवार को मैथन इंटेकवेल की बिजली काट दी. इससे धनबाद शहरी जलापूर्ति योजना के तहत मैथन से भेलाटांड़ स्थित वाटर ट्रीटमेंट प्लांट को आने वाले रॉ वाटर की सप्लाई बाधित हो गयी. हालांकि, पेयजल व स्वच्छता विभाग व डीवीसी के अधिकारियों के बीच बिजली कनेक्शन जोड़ने को लेकर हुई वार्ता के बाद दोपहर 3.30 बजे मैथन इंटकवेल का बिजली कनेक्शन जोड़ दिया गया. डीवीसी के अधिकारियों के अनुसार अगस्त, 2024 से उनका पेयजल व स्वच्छता विभाग पर बकाया है. बिजली बिल के रूप में बकाया राशि लगभग आठ करोड़ से अधिक पहुंच गयी है. बकाया भुगतान को लेकर कई बार पेयजल विभाग को नोटिस दिया गया. बावजूद पेयजल विभाग द्वारा बकाया का भुगतान नहीं किया जा रहा है.
शहर के 19 जलमीनार से होती है पानी की आपूर्ति :
बता दें कि मैथन स्थित इंटकवेल से धनबाद के भेलाटांड़ तक रॉ वाटर सप्लाई होती है. प्लांट में रॉ वाटर का ट्रीटमेंट के बाद इसे पीने के योग्य बनाया जाता है. इसके बाद ट्रीटमेंट प्लांट से पानी शहर के 19 जलमीनार में सप्लाई की जाती है. इनमें गोल्फ ग्राउंड, पुराना बाजार, मटकुरिया, मनईटांड़, बरमसिया, वासेपुर, हीरापुर, स्टील गेट, एसएनएमएमसी, धनसार, मेमको, भूली, पॉलिटेक्निक, पुलिस लाइन, वासेपुर, चीरागोड़ा, हिल कॉलोनी व दो अन्य जलमीनार शामिल हैं.इधर, बकाया को लेकर एजेंसी ने 20 के बाद जलापूर्ति बाधित करने की दी है चेतावनी :
शहरी जलापूर्ति योजना के तहत मैथन से धनबाद तक रॉ वाटर पहुंचाने वाली एजेंसी मेसर्स अभय कुमार सिन्हा ने 10 माह का बकाया भुगतान को लेकर 20 जनवरी के बाद जलापूर्ति बाधित करने की चेतावनी पेयजल व स्वच्छता विभाग के अधिकारियों को पत्र के माध्यम से पहले ही दी है. एजेंसी की ओर से कहा गया है कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में पुराने एकरारनामा के अंतर्गत मार्च से अगस्त 2024 तक व नये एकरारनामे के अनुसार सितंबर से दिसंबर 2024 तक का भुगतान लंबित है. बता दें कि मैथन स्थित इंटकवेल से रॉ-वाटर पाइपलाइन के जरिए धनबाद के भेलाटांड़ स्थित वाटर ट्रीटमेंट प्लांट पहुंचता है. ट्रीटमेंट प्लांट में रॉ-वाटर को पीने लायक बनाकर 19 जलमीनारों तक पहुंचाया जाता है. इस पूरी प्रक्रिया की जिम्मेवारी एजेंसी मेसर्स अभय कुमार सिन्हा की है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है