कोयला चोरी पर अंकुश लगाने को लेकर बीसीसीएल प्रबंधन गंभीर है. कंपनी के सभी कोल डंप, कांटा घर व माइंस एरिया में सीसीटीवी कैमरा लगाये जा रहे हैं. साथ ही कंप्यूटराइज्ड वे-ब्रिज लगाने का काम भी युद्ध स्तर पर शुरू हो गया है. योजना है कि कंपनी के कोल डंप, माइंस के इंट्री व एग्जिट प्वाइंट के साथ-साथ वे-ब्रिज में सीसीटीवी कैमरा लगाकर कोयला चोरी रोकी जाये. इसके लिए बीसीसीएल ने एक निजी आउटसोर्सिंग कंपनी को करीब 88.30 करोड़ रुपया का कार्य आवंटित किया है. इसके मुताबिक आउटसोर्सिंग कंपनी को सीसीटीवी सर्विलांस सिस्टम की आपूर्ति के साथ-साथ इंस्टॉलेशन, टेस्टिंग, कमीशनिंग व मेंटेनेंस करना होगा. बता दें कि कोलियरी के उत्पादन स्थल से साइडिंग तक कोयला ले जाने के दौरान बड़े पैमाने पर कोयला चोरी होने की सूचना प्रबंधन को मिल रही थी. चोरी में लगे गिरोहों को आउटसोर्सिंग कंपनियां, पुलिस और सीआइएसएफ के संरक्षण का भी आरोप लगता रहा है. अब सीसीटीवी कैमरा व कंप्यूटराइज्ड कांटा लग जाने से चोरी होने पर कोयले की ट्रांसपोर्टिंग से जुड़े लोगों पर जिम्मेवारी तय करना भी प्रबंधन के लिए आसान हो जायेगा. वैसे बीसीसीएल विजिलेंस विभाग ने भी प्रबंधन पर वे-ब्रिज व सीसीटीवी लगाने दबाव बनाया था. पूरे बीसीसीएल में 50 कंप्यूटराइज्ड वे-ब्रिज लगाने की योजना है. बीसीसीएल के प्रोजेक्टों से कोयला उठाने के बाद रास्ते से गायब हो जाने वाले कोयले पर अंकुश लगाने के लिए बीसीसीएल ने यह कार्रवाई शुरू की है.
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