एफसीआइएल की नयी आवास नीति, हर्ल में रोजगार होगा मुख्य चुनावी मुद्दा
धनबाद लोस क्षेत्र @ जो मुद्दे रहेंगे हावी सिंदरी विधान सभा क्षेत्र में नयी दुकान नीति, बिजली, शौचालय और विस्थापन पर सवाल पूछ रहे लोग
प्रतिनिधि, सिंदरी/ बरवाअड्डा,
सिंदरी विधानसभा क्षेत्र में इस बार लोकसभा चुनाव में सिंदरी शहर के एफसीआइएल आवासों में रह रहे लोगों की सबसे बड़ी समस्या प्रबंधन की आवास नीति है. एफसीआइएल की वर्तमान आवास नीति को सिंदरी की जनता ने सिरे से नकार दिया है. इसको नकारते हुए लगभग तीन हजार आवासों में रह रहे लोगों में मात्र 217 लोगों ने नयी नीति के तहत 30 अप्रैल 2024 तक आवेदन दिया था. वैसे तो एफसीआइएल प्रबंधन की आवास नीति में जल्द बदलाव, दुकानों और झुग्गी झोपड़ी की समस्या, युवाओं को रोजगार, स्ट्रीट लाइट, मॉडरेट शौचालय, सिंदरी बस्ती में विस्थापन प्रमाणपत्र सहित कई मुद्दे शामिल हैं. परंतु सिंदरीवासियों की प्रमुख समस्या आवास है. प्रबंधन लोकसभा चुनाव के खत्म होने के इंतजार में बैठा है, ताकि वह सिंदरी के डोमगढ़ आवासों को खाली कराकर सेल टासरा प्रबंधन को कोयला खनन के लिए दे सके. इसके साथ ही सिंदरी के मनोहरटांड़ और एसएलटू की अट्टालिकाओं को ध्वस्त कर अन्य प्रोजेक्ट के लिए जमीन तैयार कर सके. वहीं सिंदरीवासी नयी आवास नीति में बदलाव की गारंटी देनेवाले प्रत्याशी को अपना नेता चुनना चाहते हैं. ताकि भविष्य में प्रबंधन की कार्रवाई पर उसे भावी धनबाद सांसद का सहयोग मिल सके. इससे लगभग 4500 आवास में रह रहे परिवार प्रभावित होंगे.फुटपाथ दुकानदारों पर लटक रही तलवार :
सिंदरी के फुटपाथ दुकानदारों और झुग्गी झोपड़ियों में रह रहे लोगों को हटाने की तैयारी भी चल रही है. यह मुद्दा भी बड़ी समस्याओं में शामिल है और सिंदरी के फुटपाथ दुकानदारों और झुग्गी झोपड़ी में रहनेवाले भी अपने रहनुमा की तलाश में मतदान करने की तैयारी कर चुकने की बात बता रहे हैं. इससे सिंदरी शहर के लगभग 300 फुटपाथ दुकानदारों और झुग्गी झोपड़ी में रह रहे लगभग 200 परिवार प्रभावित होंगे.रोजगार को लेकर चिंतित हैं युवा : वर्ष 2018 में सिंदरी में हर्ल सिंदरी प्रोजेक्ट का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था. इसका उद्घाटन एक मार्च को प्रधानमंत्री ने ही किया. इसके साथ ही एसीसी सीमेंट फैक्ट्री में नये प्रोजेक्ट और टासरा प्रोजेक्ट के आने के बाद भी सिंदरी के युवाओं के हाथ खाली है. सिंदरी के युवाओं को रोजगार की गारंटी अभी तक नहीं मिल सकी है. स्थानीय नेता अपने अपने स्तर से आंदोलन कर इसपर कार्य कर चुके हैं.
बरवाअड्डा में जल संकट का स्थायी समाधान चाहते हैं नागरिक :
सिंदरी विधानसभा क्षेत्र का एक बड़ा हिस्सा बरवाअड्डा इलाका में पड़ता है. यहां गांवों में जल संकट बड़ी समस्या है. यहां के लोग इस बार प्रत्याशियों से इस मुद्दे पर उनकी राय जानना चाहते हैं. साथ ही बरवाअड्डा इलाका में कोई डिग्री कॉलेज नहीं है. यहां के बच्चों को धनबाद, गोविंदपुर के कॉलेज में जाना पड़ता है. इससे काफी परेशानी होती है. यहां कोई सरकारी स्वास्थ्य केंद्र नहीं है. बीमार पड़ने पर धनबाद या गोविंदपुर सीएचसी जाना पड़ता है. मरीजों को काफी परेशानी होती है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है