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भीषण गर्मी से आम आदमी से लेकर पशु-पक्षी तक कर रहे त्राहिमाम

43 डिग्री रहा तापमान, बीमार पड़ रहे लोग, अस्पताल में बढ़ी मरीजों की संख्या, बिजली की कटौती ने किया नाक में दम

संवाददाता, धनबाद,

जिले में बेतहाशा पड़ रही गर्मी हर किसी को परेशान कर रही है. आम आदमी से लेकर पशु-पक्षी तक त्राहिमाम कर रहे हैं. राहत की बारिश को लेकर हर कोई बात करता नजर आ रहा है, लेकिन राहत की उम्मीद फिलहाल नहीं दिख रही है. ऊपर से बिजली कटौती ने नाक में दम कर दिया. लोग बीमार पड़ रहे हैं. अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ गयी है. मंगलवार की सुबह से ही आसमान से आग बरस रही थी. तपती दोपहर में लोग घर से बाहर निकलने से कतरा रहे थे. अधिकतम तापमान 43 डिग्री रहा.

गर्म हवा ने किया परेशान :

सुबह 10 बजे तक तापमान 38 डिग्री के करीब पहुंच गया था. पांच से आठ किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही गर्म हवा लोगों को बेचैन कर रही थी. सुबह से ही लोग पसीने से तरबतर नजर आये. दोपहर के 3.15 बजे अचानक तेज हवा चलने लगी. लगा मौसम बदलेगा और बारिश होगी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. हां थोड़ी गर्मी से राहत जरूर मिली.

दोपहर में सड़कों पर पसरा सन्नाटा :

दोपहर में सड़कों पर सन्नाटा रहा. वहीं गांव के गलियारे सूने पड़े रहे. गर्मी की मार का नतीजा है कि बच्चों ने पार्कों पर जाना बंद कर दिया है. सूरज ढलने के बाद भी गर्म हवा चलने से बीमार होने का खतरा बना रहता है. तपिश इतनी तेज रही कि बाजार की कई दुकानें दोपहर में बंद कर दी गयी.

न्यूनतम तापमान 30 डिग्री रहा :

न्यूनतम तापमान बढ़ा होने के कारण लोगों को रात में भी राहत नहीं मिल रही है. न्यूनतम तापमान 30 डिग्री दर्ज किया गया. इस वजह से गर्मी कम नहीं हो पा रही है. धरती ठंडी होने से पहले ही गर्म होने लग रही है. स्थिति यह हो गयी है कि पंखा व कूलर की हवा भी लोगों को राहत नहीं दे रही. राहत के लिए लोग बार बार स्नान कर रहे हैं, लेकिन पानी का टंकी भी गर्म हो जा रहा है.

मौसम विभाग ने जारी की सलाह : पशु व पक्षियों का रखे ध्यान

मवेशियों के लिए :

मौसम विभाग ने पशुपालकों के लिए सलाह जारी करते हुए कहा कि पशुओं में गर्मी के कारण भूख में कमी, दूध के उत्पादन में कमी होना स्वाभाविक है. ऐसे में पशुओं का ध्यान रखना जरूरी है.

क्या करें:

पशुओं को स्वच्छ जल हैंडपंप, कुआं, नहर, ट्यूबवेल का पानी पिलायें. पशुओं को खाने में नमक दें. मवेशियों के रहने की जगह को कपड़ें से ढक दें, ताकि सीधे धूप न आये.

मुर्गियों के लिए :

बड़ी मुर्गियां ठंडे मौसम की अपेक्षा गर्मियों में ज्यादा प्रभावित होती हैं. अंडों के उत्पादन पर प्रभाव पड़ता है. उनमें प्रतिरोधक क्षमता में कमी हो जाती है.

क्या करें :

जरूरत से अधिक मुर्गियां न रखे, पानी की बर्तन की संख्या बढ़ा दें. धातु के बर्तन का इस्तेमाल ना करें. ताजा ठंडा पानी दें. शेड में छज्जों के साथ-साथ टाट लटका दें और पानी का छिड़काव करें. जालियों से दूर रखे नहीं तो हवा का आवागमन रूक जायेगा. दोपहर के बाद मुर्गियों को गीला खाना दें.

प्रभात खबर की अपील : घरों के बाहर पशुओं के लिए रखें पानी

भीषण गर्मी से पशुओं को बचाने के लिए घरों के बाहर में पानी रखें, ताकि पशु जरूरत के अनुसार इसका उपयोग कर सकें. बेहाल करने वाली इस गर्मी में हर जीव-जंतू का कंठ सूख रहा है. तमाम संसाधनों के बावजूद मनुष्य तक परेशान हैं. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि पशुओं का क्या हाल हो रहा होगा.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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