लैंग्वेज को छोड़ कर अन्य विषयों की परीक्षा हिंदी या इंग्लिश में ही देनी होगी

बीबीएमकेयू : कुलपति की अध्यक्षता में हुई एकेडमिक काउंसिल की बैठक

By Prabhat Khabar News Desk | August 18, 2024 2:03 AM

वरीय संवाददाता, धनबाद.

बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय(बीबीएमकेयू) में यूजी स्तर की परीक्षा में लैंग्वेज विषयों को छोड़ अन्य किसी भी विषय में हिंदी या इंग्लिश के अतिरिक्त किसी अन्य भाषा के इस्तेमाल की इजाजत नहीं होगी. यह निर्णय कुलपति प्रो राम कुमार सिंह की अध्यक्षता में शनिवार को हुई एकेडमिक काउंसिल की 17वीं बैठक में लिया गया. इससे पहले बांग्ला और ऊर्दू विभाग ने एकेडमिक काउंसिल के समक्ष प्रस्ताव लाया कि स्नातक स्तरीय परीक्षा में इलेक्टिव (लैंग्वेज) पेपर को छोड़ कर अन्य विषयों की परीक्षा बांग्ला, ऊर्दू या अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में छात्र दे सकते हैं. लेकिन इस प्रस्ताव पर काउंसिल के सभी सदस्य सहमत नहीं हुए. बाद इस प्रस्ताव पर मतदान कराया गया, जिसमें सात के मुकाबले 16 मतों से दोनों विभाग का प्रस्ताव खारिज कर दिया गया.

थ्योरी-प्रैक्टिकल पेपर का कोड बदला :

एकेडमिक काउंसिल ने इसके साथ ही विवि के पीजी पर्यावरण विज्ञान और आपदा प्रबंधन विभाग के थ्योरी और प्रैक्टिकल पेपर के कोड को बदलने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. अब थ्योरी पेपर का कोड 414 सी की जगह 414 ए कर दिया गया है, वहीं प्रैक्टिकल पेपर का कोड 415 सी की 415 ए कर दिया गया है.

रेफ्रेंसिंग सिस्टम में बदलाव :

बैठक में गणित विभाग के रेफ्रेंसिंग सिस्टम में भी बदलाव के प्रस्ताव को मंजूरी दे गयी है. पहले छात्रों को केवल अमेरिकन मैथेमेटिक्स सिस्टम से रेफ्रेंस देना होता था. अब छात्र अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन से भी रेफ्रेंस दे सकते हैं. पीके रॉय मेमोरियल कॉलेज में संचालित बीएससी कंप्यूटर साइंस को अब बीएससी (ऑनर्स) इन कंप्यूटर साइंस करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी है. हालांकि इसके क्रेडिट सिस्टम में कोई बदलाव नहीं किया गया है.

इनके रेगुलेशन को दी गयी मंजूरी :

एकेडमिक काउंसिल ने विश्वविद्यालय में संचालित बी-फॉर्मा कोर्स का पाठ्यक्रम और रेगुलेशन, फॉर्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा तय पाठ्यक्रम और रेगुलेशन का पालन करने का निर्णय लिया है. इसके साथ ही विवि में संचालित बीएससी नर्सिंग कोर्स का पाठ्यक्रम और रेगुलेशन, नर्सिंग काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा तय पाठ्यक्रम और रेगुलेशन का पालन करने का निर्णय लिया है. एकेडमिक काउंसिल ने राज्य सरकार के निर्देश पर तैयार नयी शिक्षा नीति के ड्राफ्ट को मंजूरी दी है. अब इस ड्राफ्ट को सिंडिकेट से पास होने के बाद राज्य सरकार को भेजा जायेगा.

अब मेरिट के आधार पर मिलेगा टॉपर छात्रों को स्कॉलरशिप :

पीजी टॉपर छात्रों मिलने वाले स्कॉलरशिप के नियम में बदलाव किया गया है. अभी तक फर्स्ट टॉपर या फिर फ्रर्स्ट टॉपर के इंकार करने पर सेकेंड टॉपर को स्कॉलरशिप दिया जाता रहा है. लेकिन सेकेंड टॉपर के इंकार करने पर फिर किसी को यह स्कॉलरशिप नहीं दी जाती है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. एकेडमिक काउंसिल ने इसके नियम में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. अब नये नियम के तहत तीसरे, चौथे, पांचवें या छठे या फिर मेरिट के आधार क्रमश: आने वाले किसी भी एक छात्र को स्कॉलरशिप दी जायेगी. इसके साथ ही यह भी तय किया गया है कि अगर कोई छात्र 12 महीने के इस स्कॉलरशिप प्रोग्राम को बीच में छोड़ देता है तो उसके स्थान पर मेरिट में आने वाले अगले छात्र को शेष अवधि के लिए स्कॉलरशिप दी जायेगी.

हिंदी विभाग के शोधार्थियों के रजिस्ट्रेशन को दी मंंजूरी :

एकेडमिक काउंसिल ने इसके साथ ही काफी विवादों के बाद हिंदी विभाग के तीन शोधार्थियों के दोबारा हुए रजिस्ट्रेशन को मंजूरी दे दी है. एकेडमिक काउंसिल की बैठक में कुलपति के अलावा डीएसडब्ल्यू डॉ पुष्पा कुमारी, सभी डीन, विभागाध्यक्ष, एसएसएलएनटी महिला कॉलेज की प्राचार्या डॉ शर्मिला रानी समेत अन्य सभी सदस्य मौजूद थे.

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