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DHANBAD NEWS : नम आंखों से दी गयी मां जगदंबा को विदाई

मां का खोइछा भरा गया, सिंदूर खेला की रस्म निभायी गयी, भूल-चूक के लिए मांगी गयी क्षमा, कुछ पूजा पंडालों की प्रतिमाएं आज, तो कुछ कल होंगी विसर्जित

शारदीय नवरात्र में नौ दिनों तक अपने मायके पृथ्वीलोक में भक्तों के बीच खुशियां बांटकर मां दुर्गे रविवार की शाम प्रतिमा विसर्जन के साथ वापस कैलाश पर्वत लौट गयीं. शनिवार को घट विसर्जन कर दिया गया था. कई जगह सोमवार तो कई जगह मंगलवार को प्रतिमा विसर्जित की गयी. इस अवसर पर पूजा पंडालों में बंगला परंपरा के अनुसार महिलाओं ने सिंदूर खेला की रस्म निभायी और मां दुर्गा को खोइछा दिया. माता का मुंह मीठा कराने व जल अर्पित करने के बाद प्रतिमा उठायी गयी. विदाई देते वक्त भक्तों की आखें छलक उठीं. हीरापुर के हरि मंदिर, दुर्गा मंदिर, श्रीश्री दुर्गा पूजा समिति रेलवे स्टेशन पुराना बाजार, बंगाली वेलफेयर सोसाइटी चिल्ड्रेन पार्क, श्रीश्री हनुमान मंदिर दुर्गा पूजा समिति हाउसिंग कॉलोनी, दुर्गा मंदिर रीलिजियस एंड चैरिटेबल ट्रस्ट हीरापुर द्वारा रविवार को मां की प्रतिमा विसर्जित की गयी. विदाई से पहले सुहागिनों ने मां का खोइछा भरा, उन्हें सिंदूर लगाकर खुद के मांग टीके सदा सुहागन रहने का आशीष मांगा. भूल-चूक के लिए माफी मांगी गयी. अगले साल जल्दी आने के लिए विनती की गयी. महिलाओं ने एक-दूसरे को सिंदूर लगाकर अखंड सौभाग्य की कामना की. इसके बाद गाजे-बाजे के साथ भव्य प्रतिमा विसर्जन जुलूस निकाला गया. इसमें सभी नाचते-झूमते तालाब तक पहुंचे और विधि-विधान के साथ प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया. गोविंदपुर. आपणो घर में मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन धूमधाम से हो गया. इसके पूर्व महिलाओं में सिंदूर खेला की परंपरा का निर्वाह किया. इसके बाद आकाशगंगा कॉलोनी तालाब में मां की प्रतिमा का विसर्जन किया गया.

विसर्जन के लिए ग्वालों के कंधों पर विदा हुई हरि मंदिर की प्रतिमा :

हरि मंदिर दुर्गा पूजा समिति की ओर से रविवार को मां की प्रतिमा का विसर्जन कर दिया गया. शनिवार को घट विसर्जन किया गया था. समिति के अमिताभ ने बताया कि 1933 में यहां पूजा की शुरुआथ हुई थी. पूजा का 92वां साल है. हर साल विजया दशमी के दिन मां की प्रतिमा विसर्जित कर दी जाती है. ग्वालों के कंधे पर मां को पंपू तालाब ले जाया जाता है. उसके बाद प्रतिमा विसर्जित की जाती है. इस बार एकादशी को मां की प्रतिमा विसर्जित की गयी. इससे पहले 2011 में एकादशी के दिन प्रतिमा विसर्जित की गयी थी.

इन पंडालों की प्रतिमा आज होगी विसर्जित :

श्रीश्री दुर्गा पूजा काली पूजा समिति रांगाटांड़, नया बाजार श्रीश्री सार्वजनिक दुर्गोत्सव कमेटी बैंकमोड़, सत्यम शिवम सुंदरम दुर्गा पूजा समिति झारखंड मैदान.

इन पंडालों की प्रतिमा 15 को होगी विसर्जित :

श्रीश्री दुर्गा पूजा समिति सरायढेला कोला कुसमा ग्राम पंचायत में मां की बड़ी प्रतिमा राजा तालाब में विसर्जित की जायेगी. मां की छोटी प्रतिमा विसर्जित कर दी गयी है. यूथ क्लब दुर्गा पूजा समिति एलसी रोड की ओर से भी मां दुर्गा की प्रतिमा 15 अक्तूबर को पंपू तालाब में विसर्जित की जायेगी.

कोलफील्ड गुजराती समाज ने किया गरबा महोत्सव का आयोजन

फोटो : प्रतीकधनबाद . कोल्फील्ड गुजराती समाज ने रविवार को शास्त्री नगर स्थित श्री कच्छ गुर्जर क्षत्रीय समाज भवन में रास गरबा महोत्सव का आयोजन किया. इसमें सोना रावल, दीपेश याज्ञनिक तथा नितिन पटेल ने एक से बढ़कर एक पारंपरिक गरबा गीत प्रस्तुत किये. इस पर महिलाएं, पुरुष एवं बच्चों ने झूम कर गरबा किया. वहीं महोत्सव में पारंपरिक गरबा नृत्य के अलावा हुड़ो, टिमली, टेटुड़ो, सनेड़ो नृत्य भी किया. सीमा चौहान के नेतृत्व में महिलाओं ने जोगणी रास कर मां अम्बे गौरी का आह्वान किया. मौके पर कोलफील्ड गुजराती समाज के चेयरमैन कमल संघवी, अध्यक्ष रिटाबेन चावड़ा, सचिव समिता परमार, कोषाध्यक्ष तेजल देसाई, सोनल संघवी, सोना रावल, उर्वशी ठक्कर, प्रीति त्रिवेदी, रोशनी संघवी, नेहा माटलिया, सीमा चौहान, दक्षा यादव, नैना पटेल, सोनल पटेल, मयूरी त्रिवेदी, रश्मि भट्ट, किशोर परमार, यमेश त्रिवेदी, भावेश ठक्कर, राजेश माटलिया, दीपक उदानी, पीयूष वेगड़, लक्ष्मीकांत चावड़ा, दीपेश याज्ञनिक, शैलेश रावल, परेश ठक्कर, योगेश जोशी, हिमांशु दोशी, विपेन्द्र ठक्कर, महेन्द्र चौहान, गोपाल ठक्कर, दिनेश सोनेटा के अलावा बड़ी संख्या में धनबाद, झरिया, कतरास इत्यादि से गुजराती समाज के लोग उपस्थित थे.

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