धनबाद यार्ड में बनी जिले की पहली मैकेनाइज्ड लॉन्ड्री का फाइनल ट्रायल मंगलवार को हुआ. धनबाद रेलवे की यह पहली मैकेनाइज्ड लॉन्ड्री है. इसमें रोजाना 16 हजार, 8 हजार तकिया का कवर व तौलिया धोया जायेगा. धनबाद में पानी की किल्लत को देखते हुए इसे बनाया गया है. लॉन्ड्री में एक केजी कपड़ा धोने में मात्र चार किलो पानी का इस्तेमाल होगा. कपड़ों को धोने के लिए पानी में सोडा व नमक का इस्तेमाल होगा. कपड़ा धोने के बाद बचे हुए वेस्टेज पानी का इस्तेमाल ट्रेन का कोच को धोने में होगा. लॉन्ड्री में कपड़ा धोने, सुखाने व आयरन करने के लिए मशीन लगायी गयी है. लॉन्ड्री में कपड़े में लगे दाग को छुड़ाने के लिए एक अलग से मशीन लगायी गयी है. इसके इस्तेमाल से ट्रेन के कपड़ों पर लगे दाग आसानी से छुड़ाया जा सकेगा. लॉन्ड्री में धुले चादर, कंबल आदि का इस्तेमाल ट्रेन नंबर 13329 गंगा दामोदर एक्सप्रेस व ट्रेन नंबर 13331 डीएचएन-पीएनबीई-एसजीआरएल लिंक एक्सप्रेस में शुरू किया जा रहा है. मौके पर सीनियर डीएमइ चंद्रशेखर प्रसाद, एडीएमइ-दो अजित कुमार आजाद, सीडब्लूएस अभय कुमार मेहता, लॉन्ड्री इनचार्ज अनीता कुमारी आदि मौजूद थे.
आठ करोड़ की लागत से बनी है लॉन्ड्री :
लॉन्ड्री बनाने के आठ करोड़ रुपये खर्च आये हैं. इसमें 120 किलोग्राम और 60 किलोग्राम की क्षमता वाली दो स्वचालित वॉशर मशीन, 120 किलोग्राम की क्षमता वाली दो सुखाने वाली मशीन, बेहतरीन फिनिशिंग के लिए दो भाप से गर्म की जाने वाली विशाल इस्त्री मशीन व एक दाग हटाने वाली मशीन शामिल है. कंबलों की सफाई के लिए एक पर्क ड्राई क्लीनिंग मशीन भी लगायी गयी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है