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Dhanbad News : राज्य के सभी सदर अस्पताल के उपाधीक्षकों को मिलेगी वित्तीय अधिकार

मुख्यमंत्री अस्पताल संचालन व रख-रखाव योजना के लिए आवंटित राशि का इस्तेमाल कर सकेंगे उपाधीक्षक , धनबाद में नोडल होने के कारण सीएस होंगे निकासी व व्ययन पदाधिकारी

स्वास्थ्य चिकित्सा, शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह ने राज्य के सभी जिलों में स्थित सदर अस्पताल के उपाधीक्षक को वित्तीय अधिकार देने का निर्देश दिया है. इसके तहत उपाधीक्षक मुख्यमंत्री अस्पताल संचालन व रख-रखाव योजना समेत अन्य योजनाओं के लिए आवंटित राशि का इस्तेमाल कर सकेंगे. धनबाद स्थित सदर अस्पताल में उपाधीक्षक का पद स्वीकृत नहीं होने के कारण सिविल सर्जन निकासी व व्ययन पदाधिकारी होंगे. हालांकि, जल्द ही इस दिशा में गाइडलाइन जारी होने की उम्मीद है. बता दें कि सदर अस्पताल में उपाधीक्षक का पद स्वीकृत नहीं होने के कारण नोडल पदाधिकारी नियुक्त किया गया है. नोडल पदाधिकारी द्वारा ही अस्पताल के विभिन्न कार्यों का निष्पादन किया जाता है. नोडल पदाधिकारी को अस्पताल से जुड़े विभिन्न वित्तीय कार्यों का निष्पादन करने की अनुमति नहीं है.

क्या है निर्देश :

प्रधान सचिव ने अपने निर्देश में कहा है कि सदर अस्पताल में मरीजों की बढ़ती संख्या, सरकार की विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं के क्रियान्वयन तथा प्रशासनिक और वित्तीय कार्यों की अधिकता के कारण अस्पताल प्रशासन पर अत्यधिक कार्यभार बढ़ गया है. इस स्थिति में प्रशासनिक प्रक्रिया को प्रभावी और सुचारू बनाने के लिए आवश्यक है कि सभी उपाधीक्षक को सदर अस्पताल का निकासी व व्ययन पदाधिकारी के रूप में अधिकृत किया जाये. झारखंड कोषागार संहिता-2016 के नियम-87 के तहत सदर अस्पताल के सभी कार्य, स्थापना व्यय, मुख्यमंत्री अस्पताल संचालन व रख-रखाव योजना आदि के लिए आवंटित राशि की निकासी के लिए संबंधित सदर अस्पताल के उपाधीक्षक को निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी घोषित किया जाता है.

निकासी व व्ययन कार्य के अतिरिक्त उपाधीक्षक का दायित्व :

वित्तीय निकासी और व्ययन, अस्पताल की आवश्यकताओं के अनुरूप विभिन्न योजनाओं और मदों के तहत वित्तीय निकासी करना, धनराशि का व्ययन निर्धारित बजट और शासनादेश के अनुसार सुनिश्चित करना, अस्पताल में आवश्यक दवाओं, उपकरणों तथा अन्य सामग्रियों की खरीद की प्रक्रिया को सुगम करना, अस्पताल के दैनिक कार्यों के लिए त्वरित निर्णय लेना, कर्मचारियों की उपस्थिति, कार्य प्रदर्शन और अनुशासन की निगरानी करना, अस्पताल में स्वच्छता, सुरक्षा और मरीजों को दी जाने वाली सेवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करना, सदर अस्पताल में बेडों की पर्याप्त उपलब्धता, दवाइयों, उपकरणों एवं अन्य आवश्यक सामग्रियों की उपलब्धता सुनिश्चित कराना तथा अस्पताल के उपकरणों के रख-रखाव व मरम्मत का उत्तम प्रबंधन कराना, अस्पताल वार्ड, ओटी और अन्य क्षेत्रों की नियमित सफाई तथा बायो-मेडिकल वेस्ट का उचित निष्पादन कराना, सदर अस्पताल में रोगियों के एडमिशन, उपचार व डिस्चार्ज प्रक्रिया का कुशल प्रबंधन करना एवं रोगियों के लिए गुणवत्तापूर्ण सेवाएं सुनिश्चित कराना, आधुनिक चिकित्सीय उपकरण की उपलब्धता के साथ-साथ सभी आपात कालीन सेवाओं का सुदृढ़ीकरण कराना, सदर अस्पताल में पंजीकरण प्रक्रिया को सुगम करना एवं प्रतीक्षा कक्ष सुनिश्चित कराना, आपातकालीन सेवाओं का सुदृढ़ीकरण कराना.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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