– पहले घर लायी गयी बहू, फिर उठायी गयी महिला की अर्थी
महुदा इलाके में एक महिला की मौत के बाद आनन-फानन में दूल्हा की करायी गयी शादी
शादी की तैयारी के बीच गोतिया की महिला के निधन के बाद उठाया गया कदम.
प्रतिनिधि,महुदा/गोमो.
शादी-ब्याह के पुनीत अवसर पर किसी गोतिया के निधन होने पर उसे अशुभ मान विवाह की तिथि बदल जाती थी, लेकिन समय के साथ मान्यताओं में भी बदलाव किया जा रहा है. हालिया मिसाल महुदा थाना क्षेत्र के लौहपिट्टी (काशीटांड़) में शनिवार देखने को मिली. लोगों ने पुरानी पीड़ादायक परंपराओं को छोड़ सकारात्मक सोच के साथ कार्य किया. दरअसल काशीटांड़ के स्व अनिल महतो के के बड़े पुत्र शामू कुमार महतो की शादी छह मई को हरिहरपुर थाना क्षेत्र के बिशुनपुर गोमो निवासी धनेश्वर महतो की बड़ी पुत्री कुमारी सीता से होनी तय थी. अचानक तीन मई को स्व अनिल महतो के परिवार (गोतिया) की एक महिला का उच्च रक्तचाप के कारण हार्ट अटैक हुआ. आनन-फानन में महिला को इलाज के लिए बोकारो ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. इस घटना के बाद दूल्हा के परिजनों नें एक अच्छी पहल की और शव को अस्पताल में रोक कर लड़की वालों के घर इसकी सूचना दी. दोनों ही परिवार सामाजिक परेशानियों के मद्देजनर फैसला किया कि लड़की को महुदा बुलाकर पहले यहां मंदिर में शादी करायी जाए. उसके बाद ही महिला का शव लाकर उसका दाह संस्कार कराया जाए. उसी के दुल्हन को बुलाकर महुता के ब्रह्मबाबा मंदिर में विवाह कार्य संपन्न कराया गया, फिर त शाम तीन बजे अस्पताल से शव लाकर उसका अंतिम संस्कार भी दामोदर तेलमच्चो घाट में किया गया. मृत महिला के परिजन अधिवक्ता सुखदेव महतो व लड़के का चाचा बिनोद महतो ने बताया कि पुरानी परंपरा के अनुसार मरनी के बाद घर के किसी की शादी एक साल बाद ही होती. इससे दोनों ही परिवार को काफी परेशानी होती, इसलिए दोनों पक्षों ने मिल कर ऐसा फैसला लिया गया. इलाके में इस कार्यक्रम की काफी चर्चा हुई.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है