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रुपया 10 लाख घूसखोरी मामले में प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त समेत पांच गिरफ्तार

सीबीआइ दिल्ली की टीम ने सोमवार को पटना, धनबाद, नोएडा में 21 जगहों पर की थी छापेमारी

सीबीआइ दिल्ली की टीम ने भ्रष्टाचार के आरोप में पटना के प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त संतोष कुमार सहित पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. पटना से संतोष कुमार, उनके मददगार राजीव कुमार उर्फ चीकू, धनबाद से संतोष कुमार के मददगार हाउसिंग कॉलोनी निवासी व धनबाद क्लब के सचिव डॉ प्रणय पूर्वे, बैंकमोड़ मटकुरिया रोड निवासी आउटसोर्सिंग कंपनी के संचालक गुरपाल सिंह और बैंकमोड़ मटकुरिया रोड में एसी मार्केट के पीछे रहनेवाले विपिन प्रिंटिंग प्रेस के मालिक अशोक चौरसिया गिरफ्तार किये गये हैं. इन अभियुक्तों को 28 अगस्त को पटना में सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश की अदालत में पेश किया जायेगा. संतोष कुमार पर असेसमेंट के दौरान अपने पद का दुरुपयोग करते हुए करदाताओं को अनुचित लाभ पहुंचाने का आरोप है. छापेमारी के दौरान निवेश और संपत्ति आदि से संबंधित दस्तावेज मिले हैं. हालांकि अधिकृत तौर पर इसकी घोषणा नहीं की गयी है. सीबीआइ ने संतोष कुमार को 10 लाख रुपये रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया है. बताते चलें कि सीबीआइ ने पद का दुरुपयोग कर करदाताओं को अनुचित लाभ पहुंचाने के बदले पैसों के लेनदेन के आरोप में सोमवार को धनबाद, पटना और नोएडा के कुल 21 ठिकानों पर छापा मारा था. छापेमारी के दौरान मिले दस्तावेज सहित लेनदेन के आरोपों के मद्देनजर 27 अगस्त को पटना से संतोष कुमार और राजीव कुमार और धनबाद से तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया.

गिरफ्तार लोग संतोष कुमार के गलत कार्यों में करते थे मदद :

गिरफ्तार किये गये चारों लोग प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त संतोष कुमार के गलत कामों में मदद पहुंचाते थे. गिरफ्तारी से पहले सभी अभियुक्तों की सरकारी अस्पताल में मेडिकल जांच करायी गयी. जांच में सभी स्वस्थ पाये गये. छापेमारी में मिले दस्तावेज की जांच जारी है. 26 अगस्त को शुरू हुई छापेमारी पांच अभियुक्तों की गिरफ्तारी के बाद भी जारी है. इसके देर रात या कल तक जारी रहने की संभावना है. बताते चलें कि पटना के प्रधान मुख्य आयकर संतोष कुमार धनबाद के अतिरिक्त प्रभार में थे. वह हर शनिवार को पटना से धनबाद आकर सरकारी कार्य निबटाते थे. सीबीआइ ने धनबाद में उनके पदस्थापन के कुछ ही दिनों बाद से उन पर नजर रखनी शुरू कर दी थी. इस दौरान सीबीआइ को उनके द्वारा आयकर की कार्रवाई में पैसों के बदले मदद का वायदा करने की जानकारी मिली. इस जानकारी के बाद सीबीआइ ने उनसे नियमित संपर्क में रहने वाले व्यापारियों पर नजर रखना शुरू किया. इस क्रम में मिली सूचनाओं और सबूतों के आधार पर उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की और छापेमारी की.

गिरफ्तार लोगों का ब्योरा

संतोष कुमार, प्रधान आयकर आयुक्त, पटना, अतिरिक्त प्रभार धनबाद

गुरपाल सिंह, कारोबारी व संतोष कुमार के गलत कार्य में मददगारराजीव कुमार उर्फ चीकू, निजी व्यक्ति व संतोष कुमार का मददगार

डॉ प्रणय पूर्वे, धनबाद क्लब के सचिव व संतोष का मददगार

अशोक कुमार चौरसिया, निजी व्यक्ति व संतोष कुमार का मददगार

इतने बड़े अधिकारी की गिरफ्तारी की यह दूसरी घटना :

1989 बैच के आइआरएस अधिकारी संतोष कुमार अगले महीने सेवानिवृत्त होने वाले थे. कुमार की पटना में पोस्टिंग पिछले साल ही हुई थी और करीब छह महीने पहले उन्हें धनबाद का भी चार्ज दिया गया था. सीबीआइ द्वारा झारखंड-बिहार में प्रिंसिपल कमिश्नर स्तर के किसी अधिकारी को गिरफ्तार किये जाने की यह दूसरी घटना है. इससे पहले सीबीआइ ने वर्ष 2018 में रांची के तत्कालीन प्रिंसिपल कमिश्नर तापस कुमार दत्ता को कोलकाता और रांची में छापेमारी के बाद गिरफ्तार किया था.

17 घंटे की पूछताछ के बाद डॉ प्रणय पूर्वे, गुरपाल सिंह व अशोक चौरसिया हुए गिरफ्तार :

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) की दिल्ली टीम ने 17 घंटे की लंबी पूछताछ के बाद धनबाद से डॉ प्रणय पूर्वे, गुरपाल सिंह और अशोक चौरसिया को गिरफ्तार कर लिया. वहीं पटना से प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त संतोष कुमार व डॉ पूर्वे का रिश्तेदार राजीव कुमार भी गिरफ्तार किये गये हैं. धनबाद में गिरफ्तार तीनों लोगों से सोमवार की शाम छह बजे से लेकर मंगलवार अपराह्न दो बजे तक पूछताछ चली. बताते चलें कि सीबीआइ की टीम सोमवार की शाम धनबाद पहुंची थी. अधिकारी सबसे पहले आउटसोर्सिंग कंपनी के मालिक सह कोयला ट्रांसपोर्टर गुरपाल सिंह के आवास मटकुरिया पहुंचे. टीम इन्हें लेकर डॉ प्रणय पूर्वे के घर पहुंची. वहां से दोनों को लेकर गुरपाल के घर पहु़ंचे. सीबीआइ की दूसरी टीम बैंकमोड़ निवासी अशोक चौरसिया के पास पहुंची. इसके बाद पूर्वे समेत तीनों को लेकर एक खास स्थान पर रख कर पूछताछ शुरू की. मंगलवार की सुबह सीबीआइ की टीम सभी लोगों को लेकर बैंक मोड़ स्थित विपिन प्रिंटिंग प्रेस के ऊपर स्थित गुरपाल सिंह के कार्यालय में पहुंची. वहां प्रणय पूर्वे, गुरपाल सिंह से पूछताछ शुरू हुई. दूसरी ओर, एसी मार्केट के निकट रहने वाले विपिन प्रिंटिंग के मालिक अशोक चौरसिया से उनके घर में पूछताछ चलती रही. इसके बाद सीबीआइ की टीम एक गाड़ी में लेकर अशोक चौरसिया और दूसरी गाड़ी में प्रणय और गुरपाल को लेकर धनबाद सदर अस्पताल पहुंची. यहां उनका मेडिकल कराया गया. इसके बाद सीबीआइ डॉ प्रणय पूर्वे के घर पहुंच सर्च अभियान चलायी.

धनबाद में बिल्डर धीरज सिंह समेत तीन लोगों से पूछताछ :

सीबीआइ धनबाद में बिल्डर धीरज सिंह के अलावा कौशल सिंह व अनिल सांवरिया के किसी परिजन से सोमवार से ही पूछताछ कर रही है, जो मंगलवार तक जारी रही. सीबीआइ ने मंगलवार को प्रेस बयान जारी कर कहा कि रुपये के अवैध आदान-प्रदान के मामले में प्रधान आयकर आयुक्त (पटना और धनबाद) सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है. आयकर के विभिन्न करदाताओं से 10 लाख रुपये घूस लेने का मामला आया था. इस पर सीबीआइ ने प्राथमिकी दर्ज की थी.

राजीव कुमार रुपये लेकर पहुंचा था पटना :

सूत्रों ने बताया कि संतोष कुमार को रुपये देने के लिए राजीव कुमार कुछ दिन पहले पटना भेजा गया था. इसकी जानकारी सीबीआइ को हुई. इस दौरान संतोष कुमार व राजीव को रुपये के साथ पकड़ा गया. इसके बाद प्रणय पूर्वे के अलावा आउटसोर्सिंग कंपनी के मालिक गुरपाल सिंह, अशोक चौरसिया और अन्य लोग सीबीआइ के रडार पर आये.

कोर्ट में इंतजार करते रह गये परिजन :

दिल्ली सीबीआई की टीम ने तीनों को मंगलवार को गिरफ्तार करने के बाद उसे सुरक्षित स्थान पर ले गयी. इस दौरान तीनों के परिजनों को लगा कि सभी का सदर अस्पताल में मेडिकल के बाद सीबीआई कोर्ट में पेश किया जायेगा. उसके बाद सीबीआई अपने साथ ले जायेगी. सभी लोग कोर्ट परिसर में उनका इंतजार करने लगे, लेकिन सीबीआई तीनों को कोर्ट न ले जाकर एक सुरक्षित स्थान पर ले गयी.

गिरफ्तार लोग संतोष कुमार के गलत कार्यों में करते थे मदद :

गिरफ्तार किये गये चारों लोग प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त संतोष कुमार के गलत कामों में मदद पहुंचाते थे. गिरफ्तारी से पहले सभी अभियुक्तों की सरकारी अस्पताल में मेडिकल जांच करायी गयी. जांच में सभी स्वस्थ पाये गये. छापेमारी में मिले दस्तावेज की जांच जारी है. 26 अगस्त को शुरू हुई छापेमारी पांच अभियुक्तों की गिरफ्तारी के बाद भी जारी है. इसके देर रात या कल तक जारी रहने की संभावना है. बताते चलें कि पटना के प्रधान मुख्य आयकर संतोष कुमार धनबाद के अतिरिक्त प्रभार में थे. वह हर शनिवार को पटना से धनबाद आकर सरकारी कार्य निबटाते थे. सीबीआइ ने धनबाद में उनके पदस्थापन के कुछ ही दिनों बाद से उन पर नजर रखनी शुरू कर दी थी. इस दौरान सीबीआइ को उनके द्वारा आयकर की कार्रवाई में पैसों के बदले मदद का वायदा करने की जानकारी मिली. इस जानकारी के बाद सीबीआइ ने उनसे नियमित संपर्क में रहने वाले व्यापारियों पर नजर रखना शुरू किया. इस क्रम में मिली सूचनाओं और सबूतों के आधार पर उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की और छापेमारी की.

कई माह से सीबीआइ आयकर आयुक्त व टीम की कर रही थी रेकी :

धनबाद के प्रधान आयकर आयुक्त संतोष कुमार व उनकी टीम की गतिविधियों पर सीबीआइ पिछले दो माह से भी अधिक समय से रेकी कर रहे थे. धनबाद आयकर परिक्षेत्र में हुई कई बड़े मामलों में आयकर विभाग की कार्रवाई पर भी नजर रख रही थी. इसमें पाकुड़ एवं देवघर के दो-तीन मामलों की तफ्तीश चल रही है. सूत्रों के अनुसार सीबीआइ को सूचना मिली थी कि पटना के प्रधान आयकर आयुक्त संतोष कुमार को धनबाद का अतिरिक्त प्रभार मिलने के बाद उनके कई करीबी सक्रिय हो गये. इसमें अशोक चौरसिया का नाम सबसे ऊपर चल रहा था. वह प्रधान आयकर आयुक्त के सबसे नजदीकी माने जाते थे. सूत्रों के अनुसार अशोक चौरसिया पर धनबाद जिला से बाहर के मामलों को भी सेट करने का आरोप है. पाकुड़ के एक बड़े कारोबारी के केस को भी सेटल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी. सीबीआइ कम से कम तीन ऐसे मामलों की जांच कर रही है, जिसको सेटल करने की एवज में लेन-देन की शिकायत मिली है. सूत्रों के अनुसार धनबाद के मामले में भी गुरपाल सिंह के किसी केस को सेटल करने का सौदा हुआ था. इसमें भी इन तीनों का नाम आया.

एक स्थान पर कुछ सामान फेंकने का वीडियो वायरल :

सूत्रों के अनुसार सीबीआइ की सर्च के दौरान एक ठिकाने से एक घर से कुछ सामान घर के बाहर फेंकने का वीडियो सामने आया है. इसमें एक व्यक्ति कुछ ले कर बाहर निकलता है. उसे बाउंड्री के बाहर फेंकता हुआ दिख रहा है. हालांकि, प्रभात खबर इस वीडियो की पुष्टि नहीं करता है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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