Dhanbad News : मटकुरिया गोलीकांड में पूर्व मंत्री मन्नान मल्लिक ने कहा-मैं निर्दोष हूं मुझे झूठा फंसाया गया है

अदालत से : अदालत ने सभी आरोपियों का बयान दर्ज किया गया

By Prabhat Khabar News Desk | January 19, 2025 1:15 AM
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धनबाद के चर्चित मटकुरिया गोलीकांड की सुनवाई शनिवार को एमपी एमएलए न्यायालय के विशेष न्यायाधीश दुर्गेश चंद्र अवस्थी की अदालत में हुई. अदालत ने बचाव पक्ष के अधिवक्ता ब्रजेंद्र प्रसाद सिंह, आयुष श्रीवास्तव, सिद्धार्थ शर्मा, अंजनी कुमार झा की दलील सुनने के बाद सभी 29 आरोपियों का सफाई बयान दर्ज किया. इस दौरान सभी 29 आरोपी सदेह उपस्थित थे. अदालत ने सभी आरोपियों का बयान दर्ज किया. कोर्ट को दिए बयान में झारखंड सरकार के पूर्व मंत्री मन्नान मलिक ने कहा कि में निर्दोष हूं मुझे झूठा फंसाया गया है. वहीं अन्य आरोपियों ने भी खुद को निर्दोष बताया और कहा कि साजिश के तहत उन्हें फंसाया गया है.अदालत ने बचाव पक्ष को साक्ष्य पेश करने का निर्देश देते हुए सुनवाई की अगली तारीख 24 जनवरी 2025 निर्धारित कर दी है.

इनका हुआ सफाई बयान दर्ज :

शब्बीर आलम, धर्मवीर कुमार शर्मा, राजकुमार पासी, मन्नान मल्लिक, हुबान मल्लिक, वीरिंदर कुमार सिंह, कुमार अभिषेक, मोहम्मद अजीम, अजय कुमार सिंह, शगुन चौहान, बलदेव पांडेय, दिल चंद चौहान, मो कलाम, भगवान साव, शक्ति कुमार, बाबर अली खान, ब्रजेश कुमार, वीरेंदर पासवान, अरविंद कुमार सिंह, बिनोद सिंह, रंजीत कुमार, जीवन चंद्र घोष, मो हलीम अंसारी, मदन महतो, नवनीत नीरज, हरिंदर शाही, दीपक कुमार पासवान इजहार अहमद, बद्री रविदास, जबकि अजय कुमार राउत का बयान दर्ज नहीं किया जा सका, क्योंकि वह बीमार थे.

घटना में एसपी धान हुए थे जख्मी :

27 अप्रैल 2011 को मटकुरिया में बीसीसीएल के आवासों को अतिक्रमण से मुक्त कराने गये पुलिस बल के साथ आंदोलनकारियों की हिंसक झड़प हुई थी. घटना में तत्कालीन एसपी आरके धान जख्मी हो गये थे. वहीं विकास सिंह समेत चार लोगों की मौत हो गयी थी. तत्कालीन एसडीओ जॉर्ज कुमार के लिखित प्रतिवेदन पर पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की थी. अनुसंधान के बाद केस के अनुसंधानकर्ता शिवशंकर तिवारी ने 38 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था. सुनवाई के दौरान पूर्व मंत्री बच्चा सिंह, ओपी लाल, पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह, उदय सिंह, अशोक यादव की मौत हो गयी, जबकि दिलीप कुमार को भगोड़ा घोषित कर दिया गया. इस कारण उनका मुकदमा बंद कर दिया गया. दो मार्च 2022 को आरोप तय होने के बाद सुनवाई शुरू हुई थी. सुनवाई के दौरान अभियोजन ने इस मामले में कुल 38 गवाहों का परीक्षण कराया था.

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