मुख्य संवाददाता, धनबाद.
गया पुल नये अंडरपास का मामला फिर पेच में फंस गया. अंडरपास के लिए तीन कंपनियों शीला कंस्ट्रक्शन, राजस्थान व पटना की कंपनी ने टेंडर डाला था. इसमें दो कंपनी राजस्थान व पटना की कंपनी का टेंडर रिजेक्ट हो गया. जबकि शीला कंस्ट्रक्शन ने टेंडर में क्वालिफाई किया, हालांकि इस कंपनी ने प्राक्कलित राशि से 19.9 प्रतिशत रेट अधिक कोट किया है. इसके कारण मामला फंस गया है. आरसीडी के मुताबिक दस प्रतिशत तक टेंडर कमेटी इसपर निर्णय लेती है. दस प्रतिशत से अधिक रेट होने पर कैबिनेट स्तर से निर्णय होता है. टेंडर कमेटी जल्द शीला कंस्ट्रक्शन को बुलायेगी और रेट पर बात करेगी. अगर प्राक्कलित राशि से दस प्रतिशत रेट पर कंपनी सहमति जताती है तो टेंडर कमेटी स्तर से मामले का समाधान हो जायेगा. पिछली बार भी रेट को लेकर मामला फंसा था. नये अंडरपास के लिए यह तीसरा टेंडर था. पहला टेंडर में रेट को लेकर टेंडर रद्द कर दिया गया था. दूसरे टेंडर में किसी कंपनी ने भाग नहीं लिया. बैंक मोड़ चेंबर के पूर्व अध्यक्ष प्रभात सुरोलिया ने सरकार से जल्द से जल्द टेंडर पर निर्णय लेने की अपील की है.30.50 करोड़ का है अंडरपास का टेंडर :
गया पुल नये अंडरपास का 30.50 करोड़ का टेंडर है. शुरुआत में 23.84 करोड़ का डीपीआर बना था. कुछ सप्लीमेंट बजट को डीपीआर में जोड़कर टीएस किया गया. इसमें 5.57 करोड़ रुपये मुआवजा व कुछ यूटिलिटी को जोड़ा गया. कैबिनेट से इसकी मंजूरी मिलने के बाद टेंडर निकाला गया था.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है