उप मुख्य संवाददाता, धनबाद,
लोकआस्था का चार दिवसीय महापर्व चैती छठ के तीसरे दिन रविवार को व्रतियों ने अस्ताचलगामी भास्कर देव को अर्घ्य अर्पित किया. कहीं जलाशयों पर, तो कहीं घरों की छत पर आस्था का घाट सजाकर व्रतियों ने अर्घ्य दिया. घरों में बजनेवाले छठी मइया के गीतों से माहौल छठमय हो गया. अहले सुबह से ही व्रतियों के साथ पारिवारिक सदस्य सूप पर चढ़ाने के लिए नेम नियम से ठेकुआ, कचमनिया बनाने में लग गये. फल धोकर सूप सजाया गया. आस्था भाव से सभी मइया के काम में कर जोड़कर लगे रहे. अर्घ्य का समय होते ही घाट के लिए लोगों ने घर से प्रस्थान किया. लोको टैंक, पंपू तालाब, राजेंद्र सरोवर, रानी बांध, मटकुरिया तालाब, राजा तालाब, सर्वेश्वरी आश्रम स्थित घाट, मनईटांड़ छठ तालाब पर व्रतियों ने छठी मइया की उपासना की. पानी में घंटों खड़े होकर परिवार की खुशहाली, सुख-समृद्धि, अखंड सुहाग व बच्चों की लंबी उम्र की आरजू विनती की. भास्कर देव को नमन किया. इसके बाद सूप उठाकर परिक्रमा की. बादलों की लुकाछिपी के बीच भाष्कर देव को दूध मिले जल से अर्घ्य दिया. घाट जाने के क्रम में छठ मइया के गीतों से वातावरण गुंजयमान होता रहा. छठ घाट पर समिति द्वारा व्रतियों के लिए व्यवस्था की गयी थी.
उदीयमान भास्कर को अर्घ्य आज :
सोमवार को उदीयमान भास्कर देव को अर्घ्य दिया जोयाग. पंडित गुणानंद झा ने बताया कि सुबह पांच से 6 के बीच भास्कर देव को अर्घ्य दिया जायेगा. इसके बाद घाट पर व्रतियों द्वारा हवन किया जायेगा. उसके बाद व्रती प्रसाद ग्रहण कर 36 घंटे का निर्जल उपवास समाप्त करेंगे.