dhanbad news: धन को त्यागना ही उत्तम त्याग : आचार्य अंकित
दसलक्षण पर्व के आठवें दिन रविवार को मटकुरिया जैन मंदिर में धूमधाम से उत्तम त्याग धर्म की पूजा की गयी. संगणेर राजस्थान से आए आचार्य अंकित ने अपने प्रवचन में उत्तम त्याग के बारे में बताया.
धनबाद.
दसलक्षण पर्व के आठवें दिन रविवार को मटकुरिया जैन मंदिर में धूमधाम से उत्तम त्याग धर्म की पूजा की गयी. संगणेर राजस्थान से आए आचार्य अंकित ने अपने प्रवचन में उत्तम त्याग के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि दान चार प्रकार के होते हैं. आहार दान, वस्त्र दान, औषधि दान और अभयदान. ये दान करने के लिए इंसान को धन चाहिए और धन कमाने के लिए सही रास्ता. धन कमाना गलत नहीं है. धन कमाकर उसका सही उपयोग न करना गलत है. धन का उपयोग उचित कामों में करना और उन्हें पूर्ण करने के लिए उस धन को त्याग करना ही उत्तम त्याग है. सिर्फ़ संसारिक दिखावा को छोड़ना त्याग नहीं बल्कि मन के अंदर के क्रोध, एक-दूसरे को नीचा देखने के भाव का त्याग करना भी उत्तम त्याग है. आज की शांति धारा सुखमाल मनोज निशांत जैन और सुभाष मनीष आदित्य जैन द्वारा की गई. मौके पर रमेश, सत्येन्द्र, प्रदीप, महेन्द्र, पयूष, नीरज, अरुण भोला जैन, पुष्पा, प्रीति, वंदना, ज्योति, श्वेता, बुलबुल, सरिता आदि उपस्थित थे.जैन मंदिर धैया में हुई शांतिधारा :
धैया जैन मंदिर में सुबह भगवान का अभिषेक और शांति धारा किया गया. आज के शांति धारा के पुण्यार्जक रागिनी देवांशी, तविशी जैन, महावीर मयंक, तर्श बाकलीवाल और विजय, वरुण, अतिशय गोधा, विनीत जैन थे. कार्यक्रम में संजय गोधा, सुशील बाकलीवाल, प्रमोद जैन, मनीष शाह, संतोष जैन, रजत जैन, साधना जैन, कामना जैन, उषा जैन, नीलम गोधा, रिद्धि गोधा, सपना जैन आदि उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है