हड़ताल पर रहे जिलेभर के सरकारी व निजी चिकित्सक, ओपीडी सेवा रही ठप, नहीं हुए पूर्व निर्धारित ऑपरेशन

आइएमए के आह्वान पर विभिन्न चिकित्सक संगठनों ने किया कार्य बहिष्कार, सड़कों पर उतरकर किया प्रदर्शन

By Prabhat Khabar News Desk | August 18, 2024 1:15 AM
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कोलकाता में ट्रेनी चिकित्सक के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या के विरोध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) के आह्वान पर सरकारी व निजी चिकित्सकों के 24 घंटे के कार्य बहिष्कार का असर शनिवार को जिले भर में दिखा. सरकारी समेत निजी अस्पतालों में ओपीडी सेवा पूरी तरह ठप रही. पूर्व निर्धारित एक भी ऑपरेशन नहीं हुए. आंदोलन के दौरान आइएमए के बैनर तले चिकित्सकों ने रणधीर वर्मा चौक पर प्रदर्शन किया. चिकित्सकों ने एक स्वर में ट्रेनी चिकित्सक के साथ घटित घटना की निंदा की. साथ ही इस घटना में शामिल अपराधियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर कड़ी से कड़ी सजा दिलाने की मांग की. बता दें कि आइएमए के 24 घंटे के कार्य बहिष्कार का झारखंड स्टेट हेल्थ सर्विसेस एसोसिएशन ऑफ इंडिया (झासा) ने भी समर्थन किया है. इस वजह से सदर अस्पताल समेत जिलेभर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी), प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पीएचसी (पीएचसी) समेत स्वास्थ्य उपकेंद्र के चिकित्सक भी आंदोलन में शामिल रहे.

अस्पतालों में इमरजेंसी सेवा रही बहाल :

कार्य बहिष्कार आंदोलन के दौरान इमरजेंसी सेवा बहाल रही. सिर्फ गंभीर मरीजों का ऑपरेशन हुआ. पूर्व से निर्धारित सभी तरह के ऑपरेशन को टाल दिया गया.

डायग्नोस्टिक सेंटर में नहीं हुए सैंपल कलेक्शन :

कार्य बहिष्कार आंदोलन काे जिले के निजी डायग्नोस्टिक सेंटर के संचालकों ने भी समर्थन दिया. डायग्नोस्टिक सेंटरों में ताले लटके रहे. सैंपल कलेक्शन से लेकर सभी तरह की जांच संबंधित सेवाएं पूरी तरह ठप रही. इन संगठनों ने दिया समर्थन : कार्य बहिष्कार आंदोलन को झारखंड स्टेट हेल्थ सर्विसेस एसोसिएशन ऑफ इंडिया (झासा), डायग्नोस्टिक सेंटर यूनियन, धनबाद सोसाइटी ऑफ ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनोकोलॉजी, रोटरी क्लब ऑफ धनबाद, इंडियन डेंटल एसोसिएशन धनबाद, बीएसएसआर यूनियन, आयुष डॉक्टर्स मेडिकल एसोसिएशन, आइआइटी आइएसएम आदि संगठनों ने भी समर्थन दिया. इन संगठनों ने कामकाज ठप रखा.

अपराधियों को फांसी से कम सजा कबूल नहीं : डॉ एके सिंह

आइएमए के प्रदेश अध्यक्ष डॉ अरुण कुमार सिंह ने कहा कि ट्रेनी चिकित्सक के साथ घटित घटना से पूरे देश में उबाल है. आइएमए के आंदोलन को हर वर्ग का साथ मिला. इससे साफ है कि इस घटना से लोग आक्रोशित हैं. घटना में शामिल अपराधियों के फांसी से कम सजा कबूल नहीं है. साथ ही पीड़िता के परिवार वालों को केंद्र व राज्य सरकार की ओर से मुआवजा राशि प्रदान करने की मांग आइएमए करता है.

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