धनबाद.
नि:शुल्क और अनिवार्य शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 (आरटीइ) के तहत गैर-मान्यता प्राप्त स्कूलों की मौजूदगी को लेकर सरकार ने सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है. शिक्षा मंत्रालय ने राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों को निर्देश दिया है कि वे ऐसे स्कूलों को या तो मान्यता प्रदान करें या तय समयसीमा तक मानकों के अनुरूप लाने के लिए आवश्यक कदम उठाये.स्कूलों की सूची जारी :
शिक्षा मंत्रालय ने उन गैर-मान्यता प्राप्त स्कूलों की सूची तैयार की है, जो यूडायस प्रणाली में शामिल हैं, लेकिन आरटीइ अधिनियम के मानकों को पूरा नहीं करते. यह कदम राज्य और संघ राज्य क्षेत्रों को कार्रवाई के लिए स्पष्ट दिशा देने के उद्देश्य से उठाया गया है.आरटीइ अधिनियम के उल्लंघन का आरोप :
आरटीइ अधिनियम की धारा 19 के अनुसार, अधिनियम लागू होने से पहले स्थापित स्कूलों को तीन वर्षों के भीतर सभी मानकों को पूरा करना था. ऐसा नहं करने पर मान्यता रद्द कर दी जानी चाहिए थी. हालांकि बड़ी संख्या में गैर-मान्यता प्राप्त स्कूल अभी भी सक्रिय हैं, जो अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करते हैं और शिक्षा की गुणवत्ता पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं.31 मार्च 2025 की समय सीमा :
मंत्रालय ने राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि वे 31 मार्च 2025 तक यह सुनिश्चित करें कि सभी गैर-मान्यता प्राप्त स्कूल मान्यता प्राप्त करें. मान्यता प्राप्त करने में विफल स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की जाये. सरकार का यह कदम शिक्षा के अधिकार अधिनियम की मंशा को साकार करने और बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है