प्रतिनिधि, भूली,
भूली ओपी से महज 200 मीटर दूरी पर स्थित आजाद नगर में धनबाद-गया रेलवे ट्रैक के समीप झाड़ियों के बीच गेसिंग अड्डा चल रहा है. सुबह 8:30 बजे से हर आधे घंटे के अंतराल ऑनलाइन लॉटरी ड्रॉ होती है. यह अड्डा शाम छह बजे तक चलाया जाता है. यहां कमाई की लालच में दर्जनों दैनिक मजदूर अपने हजारों रुपये गंवा देते हैं. यहां ऑटो चालक से लेकर बीसीसीएल रिटायर्ड कर्मी और नशेड़ी भी अपनी किस्तम आजमाते हैं. बताया जा रहा है कि खुद को पार्षद प्रत्याशी कहने वाले स्थानीय युवक ने इन धंधेबाजों का पुलिस से समन्वय करवाया है. इससे एक महीने पूर्व एसएसपी एचपी जनार्दनन के निर्देश पर बैंकमोड़ थाना व भूली पुलिस ने मिलकर चल रहे इस अवैध लॉटरी के धंधे के खिलाफ छापेमारी की थी. लेकिन धंधेबाज फरार हो गये थे.गिरोह के सात आठ सदस्य मिलकर चलाते हैं गेसिंग अड्डा :
गेसिंग अड्डा गिरोह के सात आठ सदस्य मिलकर चलाते हैं. वे लोगों से गेसिंग के नाम पर प्रत्येक लॉट में दो-दो सौ रुपये लेते हैं. हर शख्स 1600 रुपए पाने की उम्मीद में दो सौ रुपये जमा कर देते हैं. इस तरह गिरोह के सदस्य शाम तक लाखों रुपये बटोरकर वहां से निकल जाते हैं. ऐसा नहीं है कि इस धंधे की जानकारी भूली पुलिस को नहीं है. बावजूद इसके धंधे पर रोक नहीं लगाया जा रहा है. प्रतिदिन सैकड़ों लोग इसके शिकार हो रहे हैं.क्या है गेसिंग अड्डा :
यह एक तरह की अवैध लॉटरी है, जो असम पश्चिम बंगाल की वैध लॉटरी पर आधारित है. आधे घंटे के अंदर एक अंक से नौ के बीच की किसी भी एक अंक पर 200 रुपये लगाये जाते हैं. इन्हें धंधाबाजों द्वारा 1600 रुपए देने की झांसा दिया जाता है. अंक ऑनलाइन आता है. इसमें किसी भी एक अंक वाले में एक से दो शख्स का निकल जाता है, बाकी लोगों के पैसे डूब जाते हैं. दिन भर में तीन सौ से अधिक लोग इस अवैध लॉटरी के झांसा में पड़कर अपने पैसे गंवा देते हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है