वरीय संवाददाता, धनबाद.
पारा बढ़ने के साथ ही गर्मी जनित बीमारियों के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ गयी है. स्थिति यह है कि जिले के सबसे बड़े अस्पताल शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसएनएमएमसीएच) में मेडिसिन विभाग के सभी बेड शुक्रवार से ही फुल हैं. मेडिसिन विभाग में ब्लड प्रेशर बढ़ने, दस्त, उल्टी, अनिंद्रा के साथ बेचैनी की समस्या लेकर सबसे ज्यादा मरीज पहुंच रहे हैं. लू लगने वाले मरीजों की संख्या भी तीन दिनों में बढ़ी है. विभाग के एचओडी डॉ यूके ओझा ने बताया कि गर्मी में ऐसे मरीजों की संख्या में इजाफा होता है. गर्मी में बेचैनी व अनिंद्रा के कई कारण हो सकते हैं. अत्यधिक गर्मी में देर तक बाहर रहने वाले बीपी के मरीजों को बेचैनी हो सकती है.
हीट स्ट्रोक की शिकायत लेकर पहुंच रहे मरीज:
वर्तमान में ओपीडी में उल्टी, तेज बुखार, कमजोरी, सिर दर्द, चक्कर आने आदि की शिकायत लेकर मरीज पहुंच रहे हैं. आम तौर पर यह हीट स्ट्रोक के लक्षण हैं. डॉ यूके ओझा ने बताया कि हीटस्ट्रोक से बचने के लिए जरूरी है कि पेट को हमेशा भरा रखे. खाली पेट घर से बाहर न निकलें. नमक-चीनी का घोल, छाछ, नींबू-पानी, आम का शर्बत, लस्सी, तरबूज, खरबूजा, खीरा, ककड़ी आदि का सेवन करें. समय-समय पर शरीर को ठंडे पानी से पोछें. बाहर के खाने और तले-भूने भाेजन का सेवन करने से बचें. शीतल पेय का ज्यादा से ज्यादा सेवन करें.
हाम्योपैथी की दवा से हीट स्ट्रोक से बचाव संभव :
शहर के प्रसिद्ध होम्योपैथ चिकित्सक डॉ एमपी ठाकुर ने कहा कि हीट स्ट्रोक से बचाव के लिए होम्योपैथी में कई तरह की दवा उपलब्ध है. यह दवाएं हीट स्ट्रोक के साथ डायरिया से बचाव के लिए कारगर साबित होती हैं. उन्होंने बताया कि हीट स्ट्रोक से बचने के लिए ग्लो नाइन-30 का सेवन उत्तम है. सुबह-शाम पानी में इस दवा की दो बूंद लेने से हीट स्ट्रोक से बचा जा सकता है. साथ ही ब्रिओनिया की दवा सुबह व शाम दो-दो बूंद लेने से हीट स्ट्रोक के साथ डायरिया से बचाव संभव है.