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बरवाअड्डा के तीन गांवों में हाथियों के झुंड ने मचाया उत्पात, चार घर ढाहे

झिलुवा, चिकनिया व पारघो गांव में दर्जन घरों में रखे अनाज खा गये हाथी, बर्तनों को तोड़ा, नया प्राथमिक विद्यालय झिलुवा की खिड़की व दरवाजा भी तोड़ दिया

बरवाअड्डा थाना क्षेत्र के झिलुवा, चिकनिया व पारघो गांव में शुक्रवार को 25-30 की संख्या में आये हाथियों के झुंड ने रातभर जमकर उत्पात मचाया. हाथी ने चार घर ढाह दिये और लोगों के घरों में अनाज चट कर गये. झुंड सबसे पहले झिलुवा गांव पहुंचा. यहां बुधनी देवी, सूजन किस्कू व मुनिया देवी के ईंट-मिट्टी के खपड़ैल घर को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया. साथ ही बुधनी देवी, रतिलाल टुडू, छुटुलाल सोरेन, मालती देवी, सूजन किस्कू, मुनिया देवी, कालाचंद किस्कू, हीरामुनी देवी, अनिल बेसरा के घरों में रखे धान, चावल, गेहूं, दाल व राशन का सभी सामान खा गये. घर रखे बर्तन व कीमती सामान तोड़ दिया. इसके बाद हाथियों का दल नया प्राथमिक विद्यालय झिलुवा पहुंचा. यहां स्कूल की खिड़की व दरवाजा तोड़कर स्कूल में रखे 60 किलो मध्याह्न भोजन का चावल खा गये. इसके बाद झुंड चिकनिया गांव पहुंचा. यहां शिखर किस्कू, सीताराम किस्कू, दिनेश किस्कू, रतिलाल किस्कू, नरेश किस्कू के घर में रखे चावल, धान, दाल, सब्जी समेत अन्य सामान खा गये और बर्तनों को तोड़ दिया. अंत हाथियों का पारघो गांव पहुंचा. यहां पर हाथियों ने सुरेश हांसदा, गुजा कोल, बबलू हांसदा, रूपलाल हांसदा, सुनील सोरेन के घर में तोड़फोड़ कर राशन का सामान खा गये. एक घर को ढाह दिया. वहीं सामानों को तितर, बितर कर नष्ट कर दिया. सूचना पर वन विभाग की टीम पहुंची और हाथियों के झुंड को भगाया.

खटिया पर सोये थे ग्रामीण, बाल-बाल बचे :

हाथियों के झुंड के एक साथ पहुंचने की वजह से पूरे गांव में दहशत फैल गयी. ग्रामीणों ने बताया कि घटना के समय हमलोग अपने, अपने घरों में खटिया पर सोये थे. एकाएक हाथियों के उत्पात से कुछ समझ नहीं पाये. फिर हाथियों के चिंघाड़ने की आवाज सुनकर उठे और जल्दी-जल्दी अपने बाल, बच्चों को गोद में लेकर भाग गये. दूसरे गांव में जाकर शरण ली.

हाथियों के दुबारा आने के डर से सहमे हैं ग्रामीण :

घटना के बाद पूरे गांव में भय का माहौल है. ग्रामीण सहमे हुए हैं. ग्रामीणों ने बताया कि झुंड में छोटे, बड़े दो दर्जन से अधिक हाथी शामिल हैं. हाथियों का दल बगल के गांव स्थित जगंल में ही छुपा हुआ है. डर है कि कहीं हाथियों का दल दुबारा न धावा बोल दे.

पीड़ित परिवार के समक्ष गंभीर संकट :

हाथियों के उत्पात से तीनों गांवों में लगभग दो दर्जन परिवार प्रभावित हुए हैं. ये लोग जन वितरण प्रणाली की दुकान से राशन लेकर अपने घरों में रखे थे. हाथियों का झुंड राशन खा गया. बर्तन भी तोड़ दिये. इससे पीड़ित परिवार के समक्ष गंभीर संकट पैदा हो गया है.

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