Dhanbad News: हादसे में हाइवा चालक की मौत, निरसा में सात घंटे रोड जाम
Dhanbad News: गोविंदपुर स्थित जीटी रोड पर गुरुवार की रात सड़क हादसे में निरसा निवासी हाइवा चालक की मौत हो गयी.
Dhanbad News: गोविंदपुर के ऊपर बाजार स्थित जीटी रोड पर शुक्रवार तड़के करीब तीन बजे सड़क दुर्घटना में हाइवा चालक निरसा के पानी टंकी स्थित खटाल संचालक अशोक यादव के पुत्र सतीश यादव (23) की मौत हो गयी. वह मूलत: बिहार के लखीसराय जिले के बिल्लो गांव का रहने वाला था. सतीश अविवाहित एवं चार भाइयों में दूसरे नंबर नंबर पर था. बताया जाता है कि सतीश हजारीबाग से हाइवा (जेएच 10 बीजे 6351) पर कोयला लोड लेकर एमपीएल जा रहा था. इसी क्रम में गोविंदपुर ऊपर बाजार मोड़ के पास जीटी रोड पर रात से खड़ा कोयला लदा हाइवा (जेएच 02 एएक्स 2443) के पीछे जोरदार टक्कर मार दी. टक्कर इतनी जोरदार थी कि हाइवा का इंजन पहले से खड़े हाइवा के पीछे घुस गया. चालक सतीश यादव केबिन में फंसा रह गया. सुबह छह बजे लोगों ने इसकी सूचना गोविंदपुर पुलिस को दी. इसके बाद पुलिस पहुंची और क्रेन मंगवा कर लोगों की मदद से चालक को केबिन से बाहर निकाला. तब तक उसकी मौत हो चुकी थी. पुलिस ने सूचना निरसा में रहनेवाले मृतक परिवार को दी और शव को पोस्टमार्टम के लिए एसएनएमएमसीएच भेज दिया.
एमपीएल ने पांच लाख मुआवजा देने का दिया आश्वासन
इधर, पोस्टमार्टम के बाद सतीश का शव निरसा लाया गया. घटना से आक्रोशित लोगों ने दोपहर 12 बजे निरसा जामताड़ा रोड पर सिंदरी मोड़ के पास शव को रख एमपीएल की ट्रांसपोर्टिंग रोक दी. इससे करीब सात घंटे तक रोड जाम रहा. शाम सात बजे प्रबंधन से वार्ता हुई, जिसमें मृतक के आश्रित को पांच लाख रुपये मुआवजा देने पर सहमति बनी. इसके बाद जाम हटा. वार्ता में निरसा थानेदार मंजीत कुमार, भाजपा नेता मन्नू तिवारी, कांग्रेस के डीएन प्रसाद यादव, विजय यादव, ब्रह्मदेव यादव, मल्लेश्वरी यादव, विशु यादव, धीरज मिश्रा, विकास यादव आदि थे. सांसद ढुलू महतो की पहल से प्रबंधन से वार्ता हुई.दो पेट्रोलिंग टीम की फेंका-फेंकी में गयी चालक की जान
बताया जाता है कि रात तीन बजे घटना के बाद आसपास के लोगों ने तत्काल गोविंदपुर की पेट्रोलिंग टीम-1 को सूचना दी. लेकिन पेट्रोलिंग टीम-1 ने अपना पल्लू झाड़ते हुए पेट्रोलिंग टीम-2 को सूचना देने को कहा. इस तरह एक-दूसरे के बीच फेंका-फेंकी में हाइवा चालक की जान चली गयी. लोगों का कहना था कि घटना के बाद तत्काल चालक को केबिन से निकाल कर इलाज के लिए भेजा जाता, तो उसकी जान बच सकती थी. स्थानीय निवासियों का कहना है कि प्रातः पांच बजे तक बालू ट्रकों की जबरदस्त आवाजाही होती है. इसके पुलिस को घटनास्थल पर पहुंचने में विलंब होने की बात कही जा रही है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है