Dhanbad News: मनुष्य योनि श्रेष्ठ है, इसमें भगवान को प्राप्त किया जा सकता है : साध्वी शिखा

कोयला नगर दुर्गा मंदिर प्रांगण में भागवत कथा के दूसरे दिन भारी भीड़ उमड़ी. इसमें साध्वी शिखा ने कहा कि जहां भागवत कथा हो, वहां अवश्य जाना चाहिए.

By Prabhat Khabar News Desk | January 18, 2025 1:14 AM

धनबाद.

भागवत कथा सत्कर्म है. जहां भागवत कथा हो, वहां अवश्य जाना चाहिए. जहां भागवत कथा होती है वहां गंगा, पर्वत, वेद, ग्रंथ, पुराण सभी बिराजमान हो जाते हैं. कथा स्थल तीर्थ स्थल बन जाता है. चाहे जैसी भी परिस्थिति में हो भागवत कथा का श्रवण जरूर करें. मनुष्य जीवन भागवत की प्राप्ति के लिए मिला है. जो मानव जन्म लेकर कथा सुनने नहीं जाता है, वह अपनी माता को केवल प्रसव पीड़ा देने धरती पर आता है. उक्त बातें वृंदावन से पधारीं साध्वी शिखा चतुर्वेदी ने कोयला नगर दुर्गा मंदिर प्रांगण में भागवत कथा के दूसरे दिन कही. आज कथा की शुरुआत भागवत आरती से की गयी.

तपस्या के बिना फल नहीं मिलता

साध्वी शिखा ने बताया कि तपस्या के बल पर ब्रह्मा जी सृष्टि की रचना करते हैं, विष्णु भगवान जग का पालन करते हैं और शिव जी संहार करते हैं. कर्म की पत्नी है तपस्या. तपस्या के बिना फल की प्राप्ति नहीं हो सकती. कलियुग में भागवत कथा सुनने से मोक्ष की प्राप्ति होती है.

पापियों का उद्धार करती है भागवत कथा

पाप की भी श्रेणियां है. पाप, उप पाप, महापाप. शास्त्रों में पांच महापाप बताये गये हैं. मदिरापान, ब्रह्म हत्या, सोना चोरी, परस्त्री गमन व विश्वासघात. इतना पाप करने के बाद भी जो भागवत कथा सुन लेता है उसकी मुक्ति हो जाती है. अकाल मृत्यु हो जाने पर, उसके निमित्त भागवत कथा कराने से प्रेतात्मा से उसे मुक्ति मिल जाती है.

केवल भगवान के भक्त हैं सुखी

हमारे प्रारब्ध के कर्मों के अनुसार पहले ही भाग्य लिख दिया जाता है. अभाव में हाय हाय नहीं करना चाहिए. संतोष रखकर भगवान का भजन करें. मनुष्य जीवन भगवान का नाम जपने के लिए मिला है. जीवन में कोई सुखी नहीं है. सभी एक-दूजे को सुखी कहते हैं. सुखी केवल भगवान के भक्त हैं. सच्चा सुख पाने के लिए मन से अहम को निकाल दें.

किरदार निभाने आयें है हम

साध्वी शिखा ने बताया कि धरती रूपी मंच पर हम किरदार हैं. उसे निभाने आये हैं. हम भगवान के हाथ की कठपुतली हैं. परमात्मा से आशा करो, संसार से करोगे दुखी होगे. संसार से मोह न करें. जीवन में कथा उतार लें दुखी नहीं रहेंगे.

ये हैं सक्रिय :

कार्यक्रम को लेकर समिति के अध्यक्ष बीके झा, सचिव अरुण प्रकाश पांडेय, रामखेलावन शर्मा, पवन चौधरी, राजीव बोस, कौशिक चटर्जी, अमृत लाल बाउरी, दारोगा महतो, जितेंद्र महतो, शांतनु बनर्जी, हरेंद्र महतो, बीके भट्ट, विजय मंडल, ऋषिकेश सिंह, रामसुजन सिंह, श्याम प्रकाश पांडेय, टीके तिवारी, अमित शरण, बीएन राणा, डीएन सिंह, गीता दुबे, मुन्नी देवी, अंजनीकांत शुक्ला आदि सक्रिय हैं.

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