धनबाद: आइआइटी आइएसएम धनबाद में स्टूडेंट्स विज्ञान और तकनीक के साथ-साथ संस्कृत की भी पढ़ाई करेंगे. एचआरडी मिनिस्ट्री ने इसको लेकर सारे इंतजाम कर लिये हैं. संस्थान में संस्कृत की पढ़ाई और रिसर्च होगी. निदेशक प्रो राजीव शेखर के अनुसार, नयी शिक्षा नीति के तहत संस्कृत को सिलेबस में शामिल किया जायेगा. पढ़ाई के लिए आइआइटी कानपुर के मॉडल को एडॉप्ट किया जायेगा.
इसको लेकर सीनेट में प्रस्ताव लाया जायेगा. इस विषय को ह्यूमैनिटीज विभाग में बतौर कोर्स शामिल किया जायेगा. इस कोर्स में छात्रों को वैदिक विज्ञान के साथ ही भारतीय संस्कृति से जुड़ी जानकारियां भी दी जायेंगी. साथ ही, छात्र इनसे संबंधित विषयों पर शोध भी कर सकेंगे. पढ़ाई करने वाले छात्रों को अलग से क्रेडिट प्वाइंट दिये जायेंगे.
इन आइआइटी में हो रही संस्कृत की पढ़ाई : देश के 23 आइआइटी में से दाे में संस्कृत की पढ़ाई हो रही है. इनमें आइआइटी कानपुर में वर्ष 2016 से संस्कृत पढ़ाई जा रही है. आइआइटी इंदौर में इसकी पढ़ाई वर्ष 2020 से हो रही है. वहीं आइआइटी रूड़की में इसी साल से पढ़ाई शुरू हो रही है.
आइआइटी में संस्कृत की पढ़ाई शुरू करने की पहल केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने वर्ष 2016 में शुरू की थी. मंत्रालय ने आइआइटी में संस्कृत को बतौर कोर्स शामिल करने का निर्णय पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त एन गोपालास्वामी की अध्यक्षता में गठित समिति की सिफारिश के आधार पर लिया है.
समिति ने पढ़ाई शुरू करने के लिए दिये गये सुझाव में कहा है कि संस्कृत साहित्य में वर्णित वैज्ञानिक और तकनीकी तथ्यों का गहराई से अध्ययन किया जाना चाहिए. इसके लिए संस्कृत को तकनीकी संस्थानों में अन्य विषयों के साथ पढ़ाया जाना चाहिए, ताकि संस्कृत में वर्णित गूढ़ वैज्ञानिक रहस्यों पर से पर्दा उठाया जा सके. इसमें छात्र अपनी रुचि के अनुसार इस कोर्स का चयन कर सकेंगे.
Posted By: Sameer Oraon