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आइआइटी आइएसएम बना छह तकनीकी शिक्षण संस्थानों का मेंटर इंस्टीट्यूट

एआइसीटीइ ने मार्गदर्शन योजना के तहत आइआइटी आइएसएम को कई तकनीकी शिक्षण संस्थानों का मेंटर संस्थान बनाया है. एनबीए एक्रिडिटेशन में रैंक पाने के लिए व एकेडमिक कार्यक्रमों में सुधार को लेकर इन संस्थानों के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया.

वरीय संवाददाता, धनबाद.

ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआइसीटीइ) की मार्गदर्शन योजना के तहत आइआइटी आइएसएम को एआइसीटीइ संबद्ध और केंद्र सरकार द्वारा छह वित्तपोषित तकनीकी शिक्षण संस्थानों का मेंटर इंस्टीट्यूट बनाया गया है. इन संस्थानों में सीआइटी रांची, आरटीसी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी रांची, यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (यूसीइटी) हजारीबाग, सिक्किम इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, राजकीय पॉलिटेक्निक कोडरमा और राजकीय पॉलिटेक्निक पाकुड़ शामिल हैं. इन तकनीकी शिक्षण संस्थानों के 33 शिक्षकों और अधिकारियों के लिए गुरुवार को आइआइटी आइएसएम के मैनेजमेंट विभाग सभागार में पहली प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसमें उन्हें नेशनल बोर्ड ऑफ एक्रिडिटेशन से बेहतर रैंक पाने के लिए प्रशिक्षण दिया गया. सेल्फ एसेसमेंट रिपोर्ट तैयार करने और एनबीए मान्यता से संबंधित सभी प्रक्रिया की बारीकियों की जानकारी दी गयी.

एनबीए एक्रिडिटेशन के लिए तकनीकी बारिकियां बतायीं

कार्यशाला का उद्घाटन आइआइटी आइएसएम के निदेशक प्रो सुकुमार मिश्रा ने किया. उन्होंने एनबीए एक्रिडिटेशन के लिए एसएसआर सहित सभी कागजी प्रक्रिया की तकनीकी बारिकियों पर प्रकाश डाला. आइआइटी आइएसएम के उपनिदेशक प्रो धीरज कुमार ने बताया कि आइआइटी आइएसएम ने पहले भी मेंटर संस्थान के रूप में काम किया है. आइआइटी धनबाद ने बीआइटी सिंदरी समेत दूसरे संस्थान में शिक्षा गुणवत्ता सुधार कार्यक्रम के तहत मेंटरशिप प्रदान किया था. उन्होंने कार्यशाला में भाग ले रहे संस्थानों को भरोसा दिया कि आइआइटी की विशेषज्ञों टीम उनके एकेडमिक कार्यक्रमों में सुधार के लिए मदद को हमेशा तत्पर रहेगी.

आइआइटी आइएसएम पहले भी बन चुका है मेंटर संस्थान

इस मेंटरशिप प्रोग्राम के चीफ को-ऑर्डिनेटर पेट्रोलियम इंजीनियरिंग विभाग के प्रो विकास महतो बनाये गये हैं. उन्होंने बताया कि उनके साथ इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग विभाग के प्रो राजीव कुमार रंजन, मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रो विवेक बाजपेयी, माइनिंग इंजीनियरिंग विभाग के प्रो दोंदापति गोपी कृष्णा, पेट्रोलियम इंजीनियरिंग के प्रो मो. सिद्दीकी और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रो डीवी भास्कर सभी छह संस्थानों की एसएसआर रिपोर्ट तैयार करने में व अन्य मदद करेंगे.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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