धनबाद: झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने आईआईटी आईएसएम धनबाद के 99वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि यह संस्थान न केवल शिक्षा का केंद्र है, बल्कि यह एक ऐसी परंपरा का प्रतीक है, जिसने ज्ञान, नवाचार और राष्ट्रीय सेवा के मूल्यों को साकार किया है. उन्होंने संस्थान के गौरवशाली इतिहास का उल्लेख करते हुए कहा कि इसकी स्थापना 1926 में खनन और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में क्रांति लाने के उद्देश्य से की गयी थी. यह संस्थान देश के शैक्षणिक एवं औद्योगिक विकास का दर्पण है. आज यह अपनी विशिष्ट पहचान बना चुका है.
आईआईटी आईएसएम है सामाजिक बदलाव की प्रेरणा
राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने कहा कि आज जब देश प्रधानमंत्री के नेतृत्व में विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में तेजी से अग्रसर है, तो आईआईटी आईएसएम जैसे संस्थानों की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है. यहां से पढ़े विद्यार्थियों ने न केवल शैक्षणिक उपलब्धियां हासिल की हैं, बल्कि समाज और राष्ट्र के निर्माण में भी अपना अमूल्य योगदान दिया है. आईआईटी आईएसएम केवल तकनीकी और एकेडमिक सफलता की कहानी नहीं है, बल्कि यह नवाचार, उद्यमशीलता और सामाजिक बदलाव की प्रेरणा भी है.
सामाजिक समस्याओं को समझकर उनका समाधान निकालें
झारखंड के राज्यपाल ने विद्यार्थियों से कहा कि आपका दायित्व है कि सामाजिक समस्याओं को समझें और उनके समाधान के लिए कार्य करें. एक विकसित भारत तभी संभव होगा जब हम सभी अपनी जिम्मेदारियों को पूरी निष्ठा से निभाएंगे. उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि आईआईटी आईएसएम धनबाद आनेवाले वर्षों में और भी उत्कृष्टता प्राप्त करने की ओर अग्रसर होगा और वैश्विक स्तर पर अपने योगदान से अपनी विशिष्ट पहचान बनाएगा. इस मौके पर उन्होंने संस्थान का डिजिटल कैलेंडर लॉन्च किया.
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