वक्त नाजुक है, धार्मिक त्योहार सामूहिक रूप से नहीं, घर में मनाएं

गांधीनगर : वैश्विक आपदा में सभी को देश, समाज व अपने बचाव के लिए लॉकडॉउन का पालन करना चाहिए. हमें सोशल डिस्टेंसिंग के प्रति भी जागरूक रहना होगा. दुनिया के समृद्ध व ताकतवर देश में भी लॉकडाउन की स्वीकृति सोशल हेल्थगार्ड के रूप में हुई है. इस हेल्थ गार्ड के लिए सोशल डिस्टेंसिंग की भूमिका […]

By Prabhat Khabar News Desk | April 19, 2020 2:23 AM

गांधीनगर : वैश्विक आपदा में सभी को देश, समाज व अपने बचाव के लिए लॉकडॉउन का पालन करना चाहिए. हमें सोशल डिस्टेंसिंग के प्रति भी जागरूक रहना होगा. दुनिया के समृद्ध व ताकतवर देश में भी लॉकडाउन की स्वीकृति सोशल हेल्थगार्ड के रूप में हुई है. इस हेल्थ गार्ड के लिए सोशल डिस्टेंसिंग की भूमिका दस्ताने की तरह है. शासन का कोई भी प्रयास संवेदनशील समाज की जवाबदेही से तय होती है. ऐसे में सभी समुदायों में बहुत तेजी के साथ शासन के निर्देश व विभाग के सुझाव अनुकरणीय हो गये हैं. इसी आलोक में गांधीनगर के विभिन्न क्षेत्रों के प्रबुद्ध जनों की राय प्रस्तुत है : लोग लॉकडाउन का पालन कर अपनी सुरक्षा स्वयं करें. हम जहां हैं वहीं पर रह कर लोगों को जागरूक करें. सरकार से अपेक्षा है कि प्रवासी मजदूरों तथा उनके परिजनों का विशेष ख्याल रखें. बाहर से आने वालों की सूचना तुरंत प्रशासन या पंचायत को दें. हमारी सुरक्षा ही परिवार व समाज की सुरक्षा तय करेगी.फरहत बानो, मुखिया, बेरमो पश्चिमी पंचायत कोरोना जैसी महामारी से बचाव के लिए एहतियात के सभी कदम सराहनीय हैं. बहुत जरूरी होने पर ही बाहर निकलें.

बुजुर्गों के विशेष ख्याल की जरूरत है. कोई भी धार्मिक समारोह सामूहिक तौर पर नहीं, बल्कि अपने घरों में मनाएं. मास्क पहन कर रहें तथा अपने हाथ सैनेटाइज करते रहें सामाजिक दूरी को बनाए रखना है.-असलम मास्टर, वरीय शिक्षक, कुरपनियाकोरोना काल पूरी घोर विपत्ति का है. संकट से बचाव के लिए हमें सरकार व विशेषज्ञों के दिशा निर्देशों का सख्ती से पालन करना चाहिए. देश-दुनिया में लॉकडाउन की वजह से काम-धंधे बंद हैं, जिससे लाखों लोग दाने-दाने को मोहताज हैं. सक्षम लोगों का कर्तव्य है कि वे आगे आकर जरूरतमंदों की मदद करें.-अफजल अनीस, प्रदेश महासचिव, यूनाइटेड मिल्ली फोरमइस महामारी में लापरवाही नुकसानदायक होगी. विशेषज्ञों की राय मानना ही हमारा कर्तव्य होगा. सुझावों पर अमल कर इस महामारी को हरा सकते हैं. रमजान के पाक माह में मुसलमान बहुत सारी इबादत अपने घरों में ही करें. वक्त की नजाकत को देखते हुए इफ्तार पार्टी से बचें और तरावीह भी घर में पढ़ना ही बेहतर है.-मो नौशाद अख्तर, वरीय डाटा इंट्री ऑपरेटर, सीसीएल जीएम ऑफिस करगलीसभी से अपील है कि वे अपने विवेक का इस्तेमाल करें. कोरोना के संभावित मरीज को क्वारंटाइन की सलाह देकर शीघ्र प्रशासन को सूचित करें. मौलाना शाद जैसे लोगों का विरोध करें. चंद जमाती के चलते सभी मुसलमान बदनाम हो रहे हैं. सख्ती से लॉकडाउन का पालन नहीं करेंगे तो मुंबई तथा पुणे जैसे हालात बन जाएंगे.

मो अरशद, व्यवसायी,जरीडीह बाजार

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