धनबाद : झारखंड हाइकोर्ट द्वारा तीन सप्ताह में नगर निकाय चुनाव कराने के निर्देश के बाद यहां के लोगों में उत्सुकता बढ़ गयी है. वहीं राजनीतिक दलों में ऊहापोह कायम है. नगर निगम चुनाव को लेकर कोर्ट के आदेश के बाद यहां चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है. इसको लेकर कई सवाल उठ रहे हैं. सबसे बड़ा सवाल है कि निकाय चुनाव के लिए आरक्षण की नयी व्यवस्था पर है. क्या मेयर तथा अन्य वार्डों के आरक्षण का रोस्टर बदलेगा. चुनाव हुए, तो किस मतदाता सूची के आधार पर होगा. वर्तमान समय में यहां मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान चल रहा है. इसके तहत 12 जनवरी तक दावा, आपत्ति लिये जा रहे हैं. 22 जनवरी को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन होगा. इसके बाद वार्ड वार मतदाता सूची का विखंडन करना होगा. ओबीसी आरक्षण पर भी फैसला होना बाकी है. साथ ही मार्च, अप्रैल के बीच लोकसभा चुनाव होने की भी संभावना है.
निकाय एवं लोकसभा के चुनाव अगर साथ हुए तो राजनीतिक दलों की परेशानी बढ़ेगी. अभी सारे दल के नेता लोकसभा चुनाव की तैयारी में थे. निकाय चुनाव हुए तो बड़े दलों को अपने कार्यकर्ताओं को संतुष्ट करना बड़ी चुनौती होगी. यहां भाजपा, कांग्रेस के कई नेता मेयर का चुनाव लड़ने की तैयारी में है.
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