मुख्य संवाददाता, धनबाद.
महंगाई चरम पर है. थाली में दाल है तो सब्जी नहीं, सब्जी है तो दाल नहीं. विवश होकर लोग माड़-भात चोखा से काम चला रहे हैं. इधर महंगाई के कारण रसोई का बजट भी गड़बड़ा गया है. लोकसभा चुनाव के छह माह के अंतराल पर ही विधानसभा चुनाव हो रहा है. लेकिन महंगाई किसी भी राजनीति पार्टी का चुनावी मुद्दा नहीं बना. पिछले तीन माह के आंकड़े की बात करें तो सामान की कीमतों में दस से 15 फीसदी तक उछाल आया है. हरी सब्जियों के भाव भी आसमान छू रहे हैं. महंगाई से आम जनता त्राहि-त्राहि कर रही है. बाजार के आंकड़ों पर गौर करें तो तेलहन, दलहन व जिन्सों के दाम में भारी उछाल है. सितंबर में सरसों तेल 155 रुपये लीटर था जो बढ़कर 170 रुपये लीटर हो गया. मसूर दाल सितंबर में 88 रुपये किलो था जो नवंबर में बढ़कर 90 रुपये किलो हो गया. सितंबर में प्याज 50-55 रुपये था जो नवंबर में 65-70 रुपये किलो हो गया है. इसी तरह अन्य जिन्सों के दाम में भी भारी उछाल है.लहसुन 300 तो प्याज 70 रुपये किलो
लहसुन के भाव आसमान छू रहे हैं. लहसुन 300 रुपये किलो तो प्याज 70 रुपये किलो है. पिछले चार माह से लहसुन के भाव यथावत है. पिछले माह प्याज 50-55 रुपये किलो था जो बढ़कर 65-70 रुपये किलो पहुंच गया है. नये आलू का भाव 60 रुपये किलो है जबकि पुराना आलू 30 रुपये किलो है.आसमान छू रहे हरी सब्जियों के भाव
हरी सब्जी के भाव आसमान छू रहे हैं. एक-दो हरी सब्जियों को छोड़कर प्राय: हरी सब्जियों की कीमत 60 रुपये किलो से कम नहीं है. लोग किलो की जगह पाव में सब्जी खरीद रहे हैं. वहीं भिंडी 80 रुपये, कद्दू 50 रुपये, परवल 40-60 रुपये, बैगन 60 रुपये, कटहल 200 रुपये, बीन 160 रुपये प्रति किलो बिक रहा है. वहीं फुलगोभी 30-40 रुपये पीस है. बाजार में कीमतों पर एक नजरजिन्सों के नाम सितंबर नवंबरमसूर दाल 88 90पीला मूंग 140 160
रहर दाल 150 160चीनी 46 48सरसों तेल 155 170चना 86 100
सफोला गोल्ड 145 152धारा 112 144फॉरचून कच्चीघानी 132 161प्याज 55 65
नोट : कीमत प्रति किलो-लीटर हैडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है