बरवाअड्डा.
बरवाअड्डा थाना क्षेत्र के बड़ापिछरी में पिछले 18 सितंबर को सियार के हमले से घायल बड़ापिछरी गांव निवासी सुरेश रजक (45 वर्ष) की मौत सोमवार को इलाज के दौरान रांची में हो गयी. देर शाम शव पहुंचने पर परिजन दहाड़ मारकर रोने लगे. उनका अंतिम संस्कार बड़ापिछरी स्थित स्थानीय श्मशान घाट में किया गया. स्व. रजक के परिवार में उनकी पत्नी, तीन पुत्र व एक पुत्री है.क्या है मामला :
गत 18 सितंबर को सियार के झुंड ने एकसाथ हमला कर कुर्मीडीह, बड़ापिछरी व कोरियाटांड़ के आठ लोगों को घायल कर दिया था. इसके बाद घायल लोग एसएनएमएमसीएच पहुंचे और वैक्सीन ली. ग्रामीणों के अनुसार घटना के दो सप्ताह बाद सियार के हमले से घायल सुरेश रजक सियार जैसी आवाज निकालने लगा और खाना कम खाने लगा. इस पर शनिवार को परिजनों ने फिर उसे एसएनएमएमसीएच धनबाद में भर्ती कराया. उसकी गंभीर स्थिति देख धनबाद से रांची रेफर कर दिया गया. जहां सोमवार की दोपहर उसकी मौत हो गयी.ग्रामीणों में भय का माहौल :
सुरेश रजक की मौत की खबर फैलते ही पूरे गांव में भय का माहौल है. सबसे अधिक डर सियार के हमले से घायल हुए लोगों व उनके परिवारों में है.वन विभाग नहीं पकड़ पाया सियार :
इधर घटना के बाद वन विभाग की टीम ने कुर्मीडीह व बड़ापिछरी गांव में सियार पकड़ने के लिए कैंप किया था. लेकिन एक भी सियार नहीं पकड़ा जा सका. घटना के बाद बड़ापिछरी में पहरा दे ग्रामीणों ने एक सियार को पीटकर मार डाला था.नहीं मिला मुआवजा :
सियार के हमले घायल लोगों से वन विभाग ने मुआवजा के लिए फार्म भरकर लिया था, लेकिन आजतक किसी को मुआवजा नहीं मिला. इससे ग्रामीणों में नाराजगी है. मुखिया प्रतिनिधि आशुतोष रजक ने कहा कि अभी भी सियारों का झुंड गांव में घूम रहा है. इससे ग्रामीणों में भय का माहौल है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है