हर्ल टी-1 को ले ले तो फिर गहरायेगा बिजली संकट
सिंदरी.
सिंदरी टाउनशिप के ट्रांसफॉर्मर (टी-3) के गत 26 मई के खराब होने के बाद उसकी मरम्मत में और समय लगेगा. टी-3 की बुशिंग को रिपेयर करने में दो से तीन महीने समय लग सकते हैं. इसके लिए किर्लोस्कर कंपनी के कर्मी एक-दो दिनों में सिंदरी पहुंचेंगे. उक्त जानकारी सोमवार को जेबीवीएनएल महाप्रबंधक अशोक कुमार सिन्हा ने दी. बताया कि फिलहाल सिंदरी टाउनशिप को विद्युत आपूर्ति के लिए हर्ल द्वारा दिये गये ट्रांसफॉर्मर (टी-1) का उपयोग किया जा रहा है. उसे एक महीने के लिए कंपनी ने दिया है. यदि कंपनी एक माह के अंदर उसे ले ले तो विद्युत संकट पुन: गहरा जायेगा. बताया कि टी-3 को बनाने का हरसंभव प्रयास किया जा रहा है. किर्लोस्कर कंपनी द्वारा बनाये गये 1945 मॉडल के ट्रांसफॉर्मर की बुशिंग बाजार में उपलब्ध नहीं है. इसको लेकर किर्लोस्कर कंपनी के कर्मियों ने पहले भी सिंदरी के डीवीसी यार्ड में लगे टी 3 ट्रांसफॉर्मर की जांच की थी. कर्मियों का कहना है कि ट्रांसफॉर्मर की तीनों बुशिंग को रिपेयर किया जा सकता है और इसमें लगभग दो से तीन महीने का समय लग सकता है. बुशिंग रिपेयर होने के बाद जेबीवीएनएल की एमआरटी टीम और डीवीसी की टीम जांच करेगी. अगर सबकुछ ठीक रहा तो टी 3 ट्रांसफॉर्मर को उपयोग में लाया जा सकता है. विदित हो कि टी-3 ख़राब होने के कारण सिंदरी शहर के लगभग 50 हजार की आबादी अंधेरे में थी. हर्ल द्वारा टी 1 ट्रांसफार्मर जेबीएनएल को एक महीना के लिए सिंदरी वासियों के लिए सहयोग के रूप में दिया गया है, जिससे दो जून से फिलहाल बिजली चालू है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है