रॉयल्टी मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद जमाडा की तस्वीर बदल जायेगी. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को रॉयल्टी लेने का प्रावधान किया है. रॉयल्टी को टैक्स नहीं बताया है. गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट के नौ बैंच ने इस पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया है. रॉयल्टी का पैसा जजमेंट के डेट से मिलेगा या बैक डेट से इस पर अगले बुधवार को फैसला आयेगा. सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से जमाडा के कर्मियों में खुशी की लहर है. जमाडा कर्मी के मुताबिक छह अक्तूबर 1994 को बिहार का गजट आया. इसमें खनिज क्षेत्र प्राधिकार का उपयोग कर नियमावली बनायी गयी थी. इसमें कृषि, गैर, आवासीय भूमि को छोड़कर औद्योगिक उपयोग के लिए एक रुपये प्रति वर्ग मीटर, वाणिज्यकर उपयोग के लिए 1.25 रुपये प्रति वर्ग मीटर व अन्य गैर कृषि गैस आवासीय उपयोग के लिए 1.50 वर्ग मीटर से रॉयल्टी वसूलने के लिए जमाडा को अधिकार दिया गया. इसके खिलाफ बीसीसीएल, इसीएल, टिस्को, इसको, बीएसएल, एचएचसीएल, डीवीसी सहित नौ कंपनियों ने हाइकोर्ट में जमाडा के खिलाफ रिट दायर की. 1998 में हाइकोर्ट में जमाडा हार गया. 1999 में जमाडा ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की. पहला, दूसरा सहित नौ बेंच तक सुनवाई हुई. नौ सदस्यीय खंडपीठ ने 27 फरवरी 2024 से 14 मार्च 2024 तक लगातार सुनवाई की. कोर्ट ने जजमेंट सुरक्षित रखा. गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश पारित करते हुए राज्य सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया.
कोट
सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर की कॉपी अभी नहीं मिली है. रॉयल्टी को लेकर सुप्रीम कोर्ट के नौ बेंच का फैसला आया है. सरकार को रॉयल्टी लेने का प्रावधान किया गया है. रॉयल्टी का पैसा जजमेंट के डेट से मिलेगा या बैक डेट से मिलेगा, इसपर अगले बुधवार को फैसला आयेगा. रवि राज शर्मा, एमडी, जमाडाडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
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