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जन्माष्टमी आज, घरों-मंदिरों में कान्हा के जन्मोत्सव की तैयारी

जन्माष्टमी 26 अगस्त को है. इसे लेकर घरों व मंदिरों में तैयारी पूरी कर ली गयी है. इस अवसर पर आकर्षक झांकी बनायी जायेगी. वहीं नंदोत्सव व कान्हा की छठियारी मनाने की तैयारी चल रही है.

धनबाद.

भाद्र मास कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि को जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाता है. इस बार जन्माष्टमी 26 अगस्त को है. इसे लेकर घरों व मंदिरों में तैयारी पूरी कर ली गयी है. मंदिरों में यहां माखन मिसरी लुटाने के साथ आकर्षक झांकी भी बनायी जायेगी. नंदोत्सव व कान्हा की छठियारी भी मनाने की तैयारी चल रही है. वहीं स्कूलों में बाल गोपाल संग राधा रानी का वेश बनाये बच्चे संदेश दे रहे हैं. इस्कॉन द्वारा वृंदावन महोत्सव मनाया जा रहा है.

इन मंदिरों में मनेगी जन्माष्टमी:

कोयलांचल में जन्माष्टमी का सबसे बड़ा कार्यक्रम श्रीश्री लक्ष्मी नारायण मंदिर धनसार में होता है. यहां दो दिवसीय मेला भी लगता है. मंदिर में जन्माष्टमी का यह 65वां साल है. स्वर्गीय बीपी अग्रवाला ने यहां जन्माष्टमी की पूजा शुरू की थी. उनके बाद उनके पुत्र स्व. संतोष अग्रवाला और फिर उनके पुत्र संजीव अग्रवाला व दीपक अग्रवाला मुंबई से आकर यह परंपरा निभा रहे हैं. यहां के पुजारी नंद कुमार पाठक 35 साल से पूजा करा रहे हैं. यहां 26 को जन्मोत्सव, 27 को नंदोत्सव व 31 अगस्त को कान्हा की छठियारी मनायी जायेगी. इसके अलावा शक्ति मंदिर, खड़ेश्वरी मंदिर में मंदिर कमेटी की ओर से जन्माष्टमी मनायी जायेगी. यहां कान्हा को भोग लगाये जायेंगे. संध्या में महिला भजन मंडली द्वारा भजन कीर्तन किया जायेगा. पंडित मनोज पांडे ने बताया कि यहां झूला भी लगेगा. वहीं हरि मंदिर हीरापुर में कन्हा की पूजा अर्चना, छप्पन भोग लगाया जायेगा. यह जानकारी कमेटी के सचिव कृष्ण गोपाल दे ने दी. वहीं इस्कॉन कुसुम विहार द्वारा वृंदावन महोत्सव मनाया जायेगा. वृंदावन से आये ससोघार प्रभु के द्वारा ललिता माध कथा भक्तों को सुनायी जायेगी. यहां बच्चों द्वारा नृत्य प्रस्तुत किया जायेगा व भजन-कीर्तन होंगे. इधर पंडित गुणानंद झा ने बताया कि मिथिला पंचांग के अनुसार अष्टमी तिथि 26 अगस्त को सुबह 8.28 बजे प्रारंभ हो रही, जो 27 अगस्त की सुबह 6.28 बजे तक रहेगी. गृहस्थ की जन्माष्टमी 26 अगस्त व वैष्णव की 27 अगस्त को है. इसके , भूईफोड़ मंदिर, शिव शक्ति मंदिर एवं अन्य मंदिरों में भी जन्माष्टमी की तैयारी चल रही है. पंडित मनोज पांडे बताते हैं ऋृषिकेश पंचांग के अनुसार जन्माष्टमी 26 अगस्त को सुबह 8 बजकर 20 मिनट में प्रारंभ हो हा है जो 27 अगस्त को सुबह 6 बजकर 34 मिनट तक रहेगा. रात्रि नौ बजकर दस मिनट से रोहिणी नक्षत्र प्रवेश कर रहा है. जो शुभ फलदायक है रोहिणी नक्षत्र में ही भगवान का जन्म हुआ था.

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